हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : भागदौड़ की जिंदगी में लोगों की दिनचर्या तेजी से बिगड़ी है। सुबह न तो उठने का समय और न ही नाश्ता करने का समय तय है। शारीरिक व्यायाम तो छोड़ ही दीजिए। जबकि जीवन जीने का मूल मंत्र आपका स्वास्थ्य है। अगर आपका स्वास्थ्य ही ठीक नहीं रहेगा तो आप क्या कर पाएंगे? कुछ कर पाएंगे। नहीं। चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं। क्योंकि आपके शरीर में उर्जा ही नहीं बचेगी। आपका शरीर साथ नहीं देगा। मन में चाह भी होगी तो आप नहीं कर पाएंगे। जी हां।
इन दिनों इस तरह के तमाम केस आ रहे हैं, जिससे चिकित्सक भी हैरान हैं। आपने सुना होगा 30 साल, 32 साल, 35 साल में हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं हो रही है। लोग सुनते हैं तो अफसोस जताते हैं। कहते हैं कि कल तक तो ठीक था। आज अचानक से क्या हो गया। दरअसल, हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं इसी तरह अचानक से होता है। लेकिन आपको इसके बारे में जागरूक व सावधान होने की जरूरत है।
सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य आएं सामने
द फोटोन न्यूज के द्वारा किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आएं हैं। दरअसल, कुछ लोगों से पूछा गया कि हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है। तो अधिकांश लोग दोनों को एक ही चीज समझ रहे थे। जबकि ऐसा नहीं हैं। दोनों अलग-अलग बीमारी होती है। इसके प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। दोनों बीमारियों के संकेत व लक्षण को पहचानें। ताकि बीमारी का इलाज सही समय पर हो सकें और मरीजों की जान बच जाएं।
हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट दोनों खतरनाक बीमारी
इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लीनिक कार्डियोलॉजी झारखंड शाखा के अध्यक्ष डा. संतोष गुप्ता कहते हैं कि दोनों अलग-अलग बीमारी है। अधिकांश लोग इसके अंतर को नहीं समझ पाते लेकिन दोनों में अंदर है। हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट दोनों को समझना जरूरी है। दोनों ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। दोनों बीमारी के इलाज में थोड़ा ही देर होने पर मरीज की मौत हो जाती है लेकिन हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक कार्डियक अरेस्ट को माना जाता है। चूंकि, कार्डियक अरेस्ट में थोड़ा भी संभलने का मौका नहीं मिलता।
हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। अब कम उम्र में भी होने लगा है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लीनिक कार्डियोलॉजी झारखंड शाखा के अध्यक्ष डा. संतोष गुप्ता कहते हैं कि जब हार्ट में खून की पहुंच कम हो जाती है या फिर नहीं पहुंच पाती है तो हार्ट अटैक होता है। इस दौरान तत्काल इलाज की जरूरत होती है।
इसके इलाज के लिए गोल्डन आवर बनाया गया है। हालांकि, हार्ट अटैक के लक्षण 48 घंटे या फिर 24 घंटे पूर्व महसूस होने लगते हैं। जो मरीज जागरूक होते हैं वे इसके लक्षण को महसूस कर लेते हैं और वे तत्काल अस्पताल पहुंच जाते हैं। वहीं, जो मरीज जागरूक नहीं होते वे देर कर देते हैं।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
हृदय रोग विशेषज्ञ डा. संतोष गुप्ता कहते हैं कि हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक कार्डियक अरेस्ट होता है। इसमें मरीज का दिन अचानक से धड़कना बंद हो जाता है।
हालांकि, इसके कई कारण होते हैं। जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज व कॉन्जेनिटल हार्ट डिफेक्ट मुख्य रूप से शामिल हैं। कार्डियक अरेस्ट में हमेशा अचानक से ही होता है। इसमें लक्षण नहीं के बराबर देखा जाता है। आपने देखा होगा कि कई व्यक्ति चलते-चलते या फिर कोई काम करते-करते गिर जाते हैं। लोग जबतक कुछ समझ पाते हैं या फिर उसे अस्पताल पहुंचाते हैं तब तक मरीज की जान चली जाती है।
कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों पर दें ध्यान
– अपने शरीर का वजन नहीं बढ़ने दें। लंबाई के हिसाब से शरीर का वजन रखें।
– रोजाना नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम, योग व प्रणायाम करें। इसके साथ ही साइकिलिंग भी कर सकते हैं।
– जंक फूड से दूरी बना लें। अंकुरित अनाज व मौसमी फल का सेवन करें।
– भोजन में सलाद व हरी सब्जियां जरूर शामिल करें।
– भरपेट खाना खाने से बचें। मोबाइल व टीवी से जितना हो सके परहेज करें।
– अगर आप ब्लड प्रेशर, मधुमेह या फिर कोलेस्ट्रॉल के रोगी हैं तो उसे हमेशा नियंत्रण में रखें।