बेंगलुरू: चंद्रयान-3 ( Chandrayaan -3) के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद भारत का मून मिशन हर रोज चंद्रा के रहस्यों से पर्दा उठा रहा है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर अब तक ऑक्सीजन समेत कई ऐसे तत्व चांद पर खोजे है, जो अब तक कोई देश नहीं कर सका है। इसकों की आरे से बताया गया है कि Chandrayaan -3 के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के बाद से लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब तक कई तस्वीरें भेज चुके हैं। यान अब चांद पर मनुष्य के बसने की संभावना खोज रहा है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ लैंडिंग से पहले भी कई बार कह चुके हैं कि दक्षिणी ध्रुव चांद पर खोज के लिए काफी खास क्षेत्र हैं, जहां लोगों के रहने की संभावना पाई जा सकती है।
जानिए चांद पर अब तक कौन कौन से तत्व मिले:
इसरो की ओर से जो जानकारी साझा की गयी है। उसके तहत प्रज्ञान रोवर (Chandrayaan -3 Findings) को चांद पर ऑक्सीजन (O), सल्फर (S), एल्युमिनियम (Al), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), सिलिकान (Si), मैगनीज (Mn) मिले हैं। ये सब रोवर के पेलोड लेजर इनड्यूज्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआइबीएस) की मदद से मिले है। इन सभी तत्वों के बाद अब रोवर चांद पर सबसे महत्वपूर्ण हाइड्रोजन की खोज कर लेता है। अगर ऐसा करने में यह सफल होता है तो चांद पर पानी की खोज में बड़ा कदम हो सकती है। इससे चांद पर इंसानी बस्ती बसाने के सपने को भी आकार मिलेगा।
चांद पर अधिकत तापमान 70 डिग्री:
Chandrayaan-3 ने चांद के तापमान को लेकर भी जानकारी भेजा है। ISRO ने बताया कि चंद्रमा के साउथ पोल की सतह पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, 80mm की गहराई में माइनस 10°C तापमान रिकॉर्ड किया गया है। इस जानकारी से इसरो भी हैरान था। ऐसा इसलिए क्योंकि, वैज्ञानिकों का मानना था कि चांद पर अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक ही हो सकता है।
सतह के नीचे पानी होने की संभावना:
विशेषज्ञों का दावा है कि यह एक संकेत भी है कि चंद्र सतह के नीचे पानी के भंडार हो सकते हैं। इसरो ने रविवार को इस नई जानकारी के बारे में लिखा था कि ‘विक्रम’ लैंडर ने चंद्र सरफेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट यानी चैस्ट उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रमा की ऊपरी परत के तापमान की प्रोफाइल बनाई है। इसके जरिए चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने में मदद मिल सकती है।
Chandrayaan -3 की 23 अगस्त को हुई थी लैंडिंग:
23 अगस्त को भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रच दिया था। देश के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की थी। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया था। जबकि चांद की किसी सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भार चौथा देश है।