नई दिल्ली: देश के आम नागरिकों को एक बार फिर महंगाई का तगड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की वृद्धि कर दी है। यह बढ़ोतरी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडरों और सामान्य एलपीजी उपभोक्ताओं—दोनों पर लागू होगी।
अब क्या हैं नए रेट?
सरकारी घोषणा के मुताबिक, उज्ज्वला योजना के तहत पहले 503 रुपये में मिलने वाला गैस सिलेंडर अब 553 रुपये में मिलेगा। वहीं, आम एलपीजी उपभोक्ताओं को अब सिलेंडर के लिए 803 रुपये के बजाय 853 रुपये चुकाने होंगे। यह नई दरें 8 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी हैं।
सरकार का पक्ष
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि यह मूल्य वृद्धि स्थायी नहीं है। सरकार हर 2 से 3 सप्ताह में सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती है और आगे की स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह एक अस्थायी फैसला है और इसका उद्देश्य वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से निपटना है।”
पेट्रोल–डीजल पर भी बढ़ी एक्साइज ड्यूटी
एलपीजी सिलेंडर की कीमतों के साथ ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर भी 2 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है। हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर नहीं पड़ेगा।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया, “कच्चे तेल की इंटरनेशनल प्राइस घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। लेकिन हमारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पास जो स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से खरीदा गया था। इसीलिए वर्तमान कीमतें उसी औसत दर पर आधारित हैं।”
क्या हो सकता है आगे का रास्ता?
सरकार द्वारा किए गए इस फैसले के बाद आम लोगों के बजट पर और दबाव बढ़ने की आशंका है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि हालात की लगातार समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कीमतों में बदलाव किया जा सकता है।
एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में यह वृद्धि ऐसे समय पर हुई है जब पहले से ही आम आदमी महंगाई के बोझ से जूझ रहा है। सरकार ने जहां एक तरफ इसे अस्थायी निर्णय बताया है, वहीं दूसरी ओर यह भी देखना होगा कि आने वाले दिनों में तेल और गैस की कीमतों को लेकर क्या नई रणनीति अपनाई जाती है।
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