नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठनात्मक चुनावों को लेकर बुधवार को राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की अहम बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल. संतोष भी मौजूद रहे।
BJP National President Election: जल्द हो सकती है घोषणा
पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इस चुनाव को लेकर आधिकारिक घोषणा एक सप्ताह के भीतर की जा सकती है। गौरतलब है कि यह चुनाव मूल रूप से जनवरी में प्रस्तावित था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे अब तक स्थगित रखा गया था।
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल आमतौर पर तीन वर्षों का होता है और पार्टी के अंदर सर्वसम्मति से चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होती है। वर्तमान में जेपी नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिन्होंने जनवरी 2020 में यह पदभार संभाला था। संगठनात्मक स्थिरता और अगली पीढ़ी के नेतृत्व को सुचारू रूप से सौंपने के उद्देश्य से उनका कार्यकाल विस्तार दिया गया था।
BJP राज्य अध्यक्षों की नियुक्ति : उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बंगाल और मध्य प्रदेश में बदलाव तय
बैठक में केवल राष्ट्रीय नेतृत्व ही नहीं, बल्कि राज्य स्तरीय संगठनात्मक ढांचे में बदलाव को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, पार्टी जल्द ही कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में नए भाजपा प्रदेश अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर सकती है।
करीब आधा दर्जन राज्यों में नई नियुक्तियों की प्रक्रिया आगामी दो से तीन दिनों में पूरी होने की संभावना है। यह फेरबदल पार्टी के आगामी चुनावी रणनीति को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
BJP के संगठनात्मक पुनर्गठन से चुनावी रणनीति को मिलेगा बल
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह संगठनात्मक पुनर्गठन भाजपा की चुनावी तैयारियों के तहत एक रणनीतिक कदम है। नए नेतृत्व के चयन में ऐसे चेहरों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो संगठन को न केवल मजबूत कर सकें, बल्कि आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को भी बेहतर बना सकें।
JP Nadda का कार्यकाल विस्तार : नेतृत्व परिवर्तन की पृष्ठभूमि तैयार
जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त होना था, लेकिन लोकसभा चुनावों की तैयारी और नेतृत्व में स्थायित्व बनाए रखने के उद्देश्य से इसे बढ़ाया गया। अब जब चुनावों के पूर्व पार्टी एक नई दिशा की ओर अग्रसर हो रही है, ऐसे में एक सशक्त और सामूहिक नेतृत्व का गठन भाजपा की प्राथमिकता बन गया है।
भाजपा के संगठनात्मक चुनावों, राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की घोषणा, और राज्य अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर चल रही हलचल पार्टी के भविष्य की दिशा तय करेगी। इन बदलावों से न केवल पार्टी के आंतरिक संगठन को मजबूती मिलेगी, बल्कि चुनावी रणनीति को भी नई धार मिलने की संभावना है।