RANCHI: झारखंड सरकार के श्रम विभाग की नई गजट अधिसूचना को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 11 मार्च 2024 को श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा जारी गजट में ‘अति कुशल’ श्रेणी में राजमिस्त्री, भट्ठा मजदूर, ईंट पारने वाले और बावर्ची तक को शामिल किया गया है। लेकिन वर्षों की तकनीकी पढ़ाई करने वाले स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने इसे युवाओं के साथ क्रूर मजाक बताते हुए कहा कि लाखों रुपए खर्च कर तीन वर्ष की पढ़ाई करने वाले युवाओं को सरकार ने न तो कुशल और न ही अति कुशल श्रेणी में रखा। जिससे उनकी नियुक्ति और वेतन दोनों अनिश्चित हैं।
एजेंसी करती है मनमानी
उन्होंने आरोप लगाया कि पैरामेडिकल स्टाफ को विभिन्न विभाग और आउटसोर्सिंग एजेंसियां अपनी सुविधा के अनुसार सामान्य या कुशल श्रेणी में भुगतान करती हैं, जबकि तकनीकी रूप से उन्हें अति कुशल श्रेणी में होना चाहिए। प्रतुल शाहदेव ने रांची सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर काम कर रही सामनता एजेंसी पर भी कई अनियमितताओं के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रतुल के अनुसार अस्पताल में करीब 600 संविदा कर्मियों को रखा गया है। सरकारी फाइलों में पैरामेडिकल कर्मियों का दैनिक मानदेय 805 रुपये निर्धारित है, जबकि एजेंसी सिर्फ 514 रुपये प्रतिदिन देती है।
सरकार एजेंसी को पूरे महीने का भुगतान करती है, लेकिन एजेंसी संविदा कर्मियों को केवल 26 दिन का वेतन देती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एजेंसी जीएसटी का 18% कर्मचारियों की तनख्वाह से काटती है तथा ईपीएफ का पूरा 25% भी उन्हीं पर डाल देती है। इस पूरे मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला हो रहा है। भाजपा संविदा कर्मियों के मुद्दे को सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाने की तैयारी में है।
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