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Jharkhand Latehar News : OMG ! झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल, सील हॉस्पिटल में फिर हुई सर्जरी

यह अस्पताल पहले ही अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड चलाने के आरोप में सील किया जा चुका था।

by Rakesh Pandey
latehar health news
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लातेहार : झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय स्थित टमटमटोला में सील किए गए एमएस हॉस्पिटल में फिर से गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक महिला का बिना सर्जन और बिना एनेस्थीसिया के सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया गया। यह अस्पताल पहले ही अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड चलाने के आरोप में सील किया जा चुका था।

ऑपरेशन के लिए दलालों ने पहुंचाया अस्पताल

मिली जानकारी के अनुसार, 25 वर्षीय खुशबूना खातून, पति शब्बीर अंसारी, ग्राम हेडपोचरा, थाना लातेहार निवासी, प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल के दलालों के माध्यम से एम एस हॉस्पिटल पहुंची। जहां बिना किसी योग्य चिकित्सकीय व्यवस्था के ऑपरेशन कर दिया गया।

प्रशासनिक छापेमारी के बाद जच्चा-बच्चा को भेजा गया सदर अस्पताल

घटना की जानकारी ग्रामीणों द्वारा लातेहार सिविल सर्जन को दी गई। सूचना पर बालूमाथ बीडीओ सोमा उरांव, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रकाश बड़ाइक और सब इंस्पेक्टर गौतम कुमार की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से सदर अस्पताल लातेहार भेजा गया।

पहले ही दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी, फिर भी जारी था संचालन

बीडीओ सोमा उरांव ने बताया कि एमएस हॉस्पिटल को दो माह पूर्व अवैध अल्ट्रासाउंड संचालन के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सील किया गया था, लेकिन अस्पताल संचालक अपने परिवार के साथ ऊपरी मंजिल में रह रहे थे, जिसे सील नहीं किया गया।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रकाश बड़ाइक के अनुसार, अस्पताल संचालक ने हाल ही में बेल मिलने के बाद बिना सील हटाए ही अस्पताल के अंदर अवैध रूप से ऑपरेशन करना शुरू कर दिया।

संचालक पर फिर से प्राथमिकी दर्ज की जाएगी

डॉ. बड़ाइक ने कहा कि मामले की सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी गई है, और संचालक के खिलाफ बालूमाथ थाना में दोबारा प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल

यह मामला झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल उठाता है। बिना सर्जन, बिना एनेस्थीसिया और सील किए गए अस्पताल में ऑपरेशन किया जाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मरीज की जान से खिलवाड़ भी है।

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