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Air Pollution : बिहार में वायु प्रदूषण : एक गंभीर समस्या

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के अन्य शहरों की हवा भी ठीक नहीं है। गया में AQI 209, मुजफ्फरपुर में 198 और औरंगाबाद में 147 रहा।

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क : सर्दियों की दस्तक के साथ ही बिहार में वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंता का विषय बनता जा रहा है। खासकर राजधानी पटना, गया और हाजीपुर जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 को प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक रही, जब पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 258 के उच्च स्तर तक पहुंच गया। इसके साथ ही गया और हाजीपुर का AQI भी 200 के पार दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के अन्य शहरों की हवा भी ठीक नहीं है। गया में AQI 209, मुजफ्फरपुर में 198 और औरंगाबाद में 147 रहा। इस दौरान बेगूसराय, बेतिया, बक्सर, मुजफ्फरपुर और सीवान जैसे शहरों में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति धुंध के बढ़ने के साथ और भी गंभीर हो सकती है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

AQI के मानकों के अनुसार, 50 या उससे कम का AQI अच्छा माना जाता है, जबकि 51 से 100 के बीच इसे संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। 101 से 200 के बीच के AQI को मध्यम श्रेणी में गिना जाता है, जिसमें फेफड़े और दिल के मरीजों को समस्या हो सकती है। अगर AQI 200 से ऊपर जाता है, तो उसे खराब श्रेणी में रखा जाता है, जहां लंबे समय तक रहने से अधिकांश लोगों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। जब AQI 300 के पार चला जाता है, तो स्थिति गंभीर हो जाती है और इससे सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

बिहार के प्रमुख शहरों में इस दिन का वायु गुणवत्ता सूचकांक कुछ इस प्रकार रहा

पटना : 258
गया : 209
हाजीपुर : 283
मुजफ्फरपुर : 198
औरंगाबाद : 147
बेतिया : 148
बक्सर : 174
सीवान : 154
पूर्णिया : 81
बेगूसराय : 75

ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि प्रदूषण की समस्या केवल पटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे बिहार में फैल रही है। सर्दियों में धुंध और ठंडे मौसम के कारण वायु की गुणवत्ता और खराब हो सकती है। ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है कि सभी नागरिक सावधानी बरतें, खासकर संवेदनशील व्यक्तियों को, जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग और स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोग।

सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि वे इस स्थिति पर ध्यान दे और प्रदूषण के स्रोतों को कम करने के उपाय करे। इसके साथ ही, लोगों को भी चाहिए कि वे व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करें, जैसे कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना, धूम्रपान से बचना और पौधारोपण के कार्यक्रमों में शामिल होना। इस तरह के सामूहिक प्रयास ही इस गंभीर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।

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