America strikes Iran Nuclear sites : नई दिल्ली : पश्चिम एशिया में लंबे समय से जारी तनाव आखिरकार जंग की शक्ल में तब्दील हो गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को सफल करार देते हुए कहा कि अब शांति का समय है। ईरान के फोर्डो (Fordow), नतांज (Natanz) और इस्फहान (Isfahan) स्थित न्यूक्लियर साइट्स को इस ऑपरेशन में निशाना बनाया गया है।
ट्रंप का बयान : हमारे योद्धाओं को बधाई
हमले के कुछ ही समय बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने ईरान में तीन परमाणु साइट्स – फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सफल हमला किया है। सभी विमान ईरान के एयरस्पेस से बाहर निकल चुके हैं। फोर्डो साइट पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित लौटे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना ऐसा नहीं कर सकती थी। अब शांति का समय है।

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने निभाई अहम भूमिका
अमेरिका ने इस ऑपरेशन में अपने अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया। यह हमला अमेरिका के मिसूरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से रवाना हुए विमानों द्वारा किया गया, जो गुआम के सैन्य ठिकाने से ऑपरेट कर रहे थे। गुआम, पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिका का रणनीतिक दृष्टि से अहम सैन्य अड्डा है।
निशाने पर था ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाना
तीनों में सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना फोर्डो है, जिसे ईरान का सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर साइट माना जाता है। यह ठिकाना एक पहाड़ी के अंदर, जमीन से करीब आधा मील नीचे स्थित है। इस जगह का खुलासा सबसे पहले 2009 में हुआ था और इसे विशेष रूप से हवाई हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। अमेरिका द्वारा यहां ‘बमों का पूरा पेलोड’ गिराए जाने से भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
हमले के रणनीतिक मायने
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला सिर्फ सैन्य नहीं बल्कि रणनीतिक चेतावनी भी है। अमेरिका ने इस ऑपरेशन के जरिए न केवल ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को निशाना बनाया है, बल्कि इजरायल के समर्थन और पश्चिम एशिया में अपनी मौजूदगी को भी सशक्त किया है।
क्या यह जंग की शुरुआत है?
इस हमले के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह वाकई किसी बड़े संघर्ष की शुरुआत है। ईरान की प्रतिक्रिया का अभी इंतजार किया जा रहा है, लेकिन क्षेत्र में सैन्य तनाव अपने चरम पर है। इजरायल और ईरान के बीच हाल के महीनों में लगातार तनाव बना हुआ था और अमेरिका की इस कार्रवाई से स्थिति और अधिक जटिल हो सकती है।
ईरान ने मध्यपूर्व में विभिन्न देशों में मौजूद अमरीका के सैनिक अड्डों पर हमले और स्ट्रेट आफ हुरमुज बंद करने की धमकी दी है। यमन ने भी अमरीका के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है। यमन के सैनिक प्रवक्ता यहया सारी ने एलान किया है कि अब लाल सागर से गुजरने वाले अमरीकी जहाजों पर हमले किए जाएंगे।


