धनबाद: झारखंड में एचआईवी संक्रमण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, खासकर धनबाद जिले में, जहां संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद में 3200 एचआईवी संक्रमित मरीज हैं, जिनमें से 1500 मरीजों का इलाज एसएनएमएमसीएच के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में चल रहा है। चिंता की बात यह है कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक के दौरान 55 एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है।

झारखंड में एचआईवी संक्रमितों की संख्या
NACO (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) के 2019 के अनुमान के अनुसार, झारखंड में एचआईवी संक्रमितों की संख्या राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है। राज्य में लगभग 3.8 करोड़ की जनसंख्या में एक लाख से अधिक लोग एचआईवी से प्रभावित हो सकते हैं। झारखंड में 2021 तक वयस्कों में एचआईवी प्रसार दर लगभग 0.3% थी, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
धनबाद में एचआईवी नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयास
धनबाद जिले में एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ. रोहित गौतम ने बताया कि एचआईवी संक्रमण मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त, और नशीली दवाइयों के सेवन के कारण फैलता है। इसके अलावा, ट्रक चालकों और श्रमिकों के बीच संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है, इसलिए उनके लिए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
एचआईवी संक्रमित मरीजों को इलाज और जागरूकता की सलाह
डॉ. गौतम ने अपील की कि अगर किसी को संदेह हो कि वह एचआईवी संक्रमित हो सकता है, तो उसे तुरंत जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एचआईवी के इलाज के लिए प्रभावी दवाइयां उपलब्ध हैं और इनका नियमित सेवन करके मरीज एक सामान्य और लंबा जीवन जी सकते हैं।
एचआईवी से संबंधित मौतों की स्थिति
भारत में एचआईवी और एड्स से संबंधित मौतों की संख्या में 2010 से 2023 तक 79% की कमी आई है, लेकिन झारखंड में यह कमी धीमी हो सकती है। इस दौरान, एचआईवी और टीबी सह-संक्रमण से होने वाली मौतें भी एक चिंता का विषय बनी हुई हैं।
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