पटना: बिहार के मोकामा गोलीकांड में सोनू और मोनू पर एक और प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। यह एफआईआर 22 जनवरी को हुए गोलीबारी के मामले में घायल अनंत सिंह के एक समर्थक द्वारा दर्ज कराई गई है। पीड़ित ने पंचमहला थाने में यह मामला दर्ज कराया है, जिससे इस कांड में अब तक कुल चार प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं।
घटना का विवरण
22 जनवरी की शाम मोकामा के नौरंगा गांव में एक बड़ी गोलीबारी हुई थी। इस घटना में अनंत सिंह के समर्थक उदय यादव घायल हो गए थे। बताया जाता है कि अनंत सिंह मुकेश सिंह के घर पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए नौरंगा गांव पहुंचे थे। उसी दौरान, सोनू-मोनू गैंग और अनंत सिंह के समर्थकों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। इस गोलीबारी में घायल हुए उदय यादव ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वह अनंत सिंह के साथ ही था जब गोलीबारी हुई, और गर्दन में गोली लगने से वह घायल हो गया।
एफआईआर में नामजद आरोपी
उदय यादव ने इस घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी और उसके बाद पंचमहला थाने में सोनू-मोनू सहित चार नामजद आरोपियों और पांच से छह अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। इस एफआईआर के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यह चौथा मामला है जो इस गोलीकांड से जुड़ा हुआ है और अब तक पुलिस इस मामले में विभिन्न आरोपियों पर कार्रवाई कर चुकी है।
पहले से दर्ज तीन एफआईआर
मोकामा गोलीकांड में पहले ही तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी थीं और पुलिस ने इन्हीं मामलों के आधार पर सोनू सिंह को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सोनू सिंह को बाढ़ कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक आदेश पर पटना के फुलवारीशरीफ जेल भेज दिया गया। इसके साथ ही, पुलिस ने इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है और कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
अनंत सिंह और उनके समर्थकों की स्थिति
वहीं, विधायक अनंत सिंह ने भी इस मामले में बाढ़ कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। कोर्ट ने उन्हें और उनके एक अन्य समर्थक को बेउर जेल भेजने का आदेश दिया। अनंत सिंह के वकील ने बताया कि विधायक को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस पूरी घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और पुलिस अभी भी नौरंगा गांव में कैंप कर रही है।
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण
घटना के बाद नौरंगा गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस लगातार स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अपनी कार्रवाई कर रही है। पीड़ित मुकेश सिंह का परिवार अब भी डर के साये में जी रहा है, और उन्हें किसी भी तरह की सुरक्षा की आवश्यकता महसूस हो रही है। गोलीकांड के कारण यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या यह घटना गांव में वर्चस्व को लेकर हुई थी या फिर पंचायती विवाद के कारण गोलीबारी हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और इस बात की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है कि गोलीबारी का कारण क्या था।
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