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ठगी पीड़ित से अरगोड़ा पुलिस ने कहा- ठगा गए हो तो हमलोग पैसा दें क्या

सुहैल ने बताया कि वे हाल में ही दो से तीन बार अरगोड़ा थाना जा चुके हैं। वहां मौजूद मुंशी बार-बार केस के डिटेल्स पूछते हैं। रुपये ठगी का मामला बताने पर कहते हैं कि तो क्या हम पुलिस वाले तुम्हारे पैसे दें।

by Vivek Sharma
ठगी पीड़ित से अरगोड़ा पुलिस ने कहा- ठगा गए हो तो हमलोग पैसा दें क्या
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रांची : रांची में पुलिस की मनमानी का एक और मामला सामने आया है। डीजीपी के आदेश की पुलिस अफसर अनदेखी कर रहे हैं। एक तरफ डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिसकर्मियों को आम जनता के साथ अच्छा व्यवहार करने का निर्देश दिया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस इसके विपरित काम कर रही है। जी हां, एक ऐसा ही मामला राजधानी के अरगोड़ा थाना की पुलिस के खिलाफ आया है। यहां, अरगोड़ा थानेदार पीड़ित को थाने के चक्कर कटवा रहे हैं। एफआईआर दर्ज करना तो दूर की बात, अरगोड़ा थाने के पुलिसकर्मी पीड़ित के साथ ठीक से बात तक नहीं कर रहे हैं। यहां के मुंशी अधिकारी बने बैठे हैं। एफआईआर करने के लिए पीड़ित को पिछले एक साल से दौड़ाया जा रहा है।

यह आरोप अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित कडरू के रहने वाले पीड़ित सुहैल अंसारी ने लगाए हैं। उनका कहना है कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बावजूद उनका केस दर्ज नहीं किया जा रहा है। एफआईआर कराने के लिए वे जब भी अरगोड़ा थाना जाते हैं, वहां मौजूद मुंशी उनके साथ बत्तमीजी करते हैं। कई बार एफआईआर दर्ज के आश्वासन के बावजूद पिछले एक साल से उनका केस दर्ज नहीं किया जा रहा। पीड़ित ने इस मामले में आॅनलाइन एफआईआर भी कराया है। लेकिन भी कोई रिस्पोंस नहीं मिला। इससे समझ में आता है कि आॅनलाइन एफआईआर का भी कोई महत्व नहीं है।

सिर्फ बार-बार पूछते हैं केस के डिटेल्स, करते कुछ नहीं

सुहैल ने बताया कि वे हाल में ही दो से तीन बार अरगोड़ा थाना जा चुके हैं। वहां मौजूद मुंशी बार-बार केस के डिटेल्स पूछते हैं। रुपये ठगी का मामला बताने पर कहते हैं कि तो क्या हम पुलिस वाले तुम्हारे पैसे दें। एफआईआर दर्ज करने की बात कहने पर कहते हैं कि ऐसे केस थाने में दर्ज नहीं किए जाते हैं। यहां सिर्फ क्राइम से संबंधित केस दर्ज किया जाता है। कोर्ट मेंं जाकर केस करो। इन दिनों पीड़ित के द्वारा ज्यादा दबाव बनाने पर केस इंवेस्टीगेट कराने की बात की गई। दोबारा थाना जाने पर पीक आवर कहकर वापस भेज दिया। इसके दो दिनों के बाद फिर थाना जाने पर कहा गया कि आॅफिसर 15 दिनों से छुट्टी पर है। जब वे आॅफिसर वापस लौटेंगे तब जांच होगा।

पांच लाख की ठगी से जुड़ा है मामला

पीड़ित सुहैल अंसारी के मुताबिक, 2016 से 2023 तक वसी जफर इकबाल व उसका भाई वसीम जफर कैफी उनके घर के पास रहते थे। इस दौरान उन्होंने अप्रैल 2022 में उनकी मुलाकात वसीम कमल से कराई थी। वसीम कमल डोरंडा थाना क्षेत्र के परस टोली का रहने वाला है। वसीम कमल ने पीड़ित युवक को बिजनेस में पैसा लगाने व इससे आने वाले मुनाफा के बारे में बताकर झांसे में लिया।

वसीम कमल और वसी ने पीड़ित युवक को एक लाख रुपए में हर महिना 10 प्रतिशत मुनाफा देने का लालच दिया। इसके बाद वसीम और वसी ने पीड़ित युवक से चार लाख रुपए लिए। वसीम और वसी ने पीड़िक के मौसी को भी झांसा देकर एक लाख ले लिया। वसी जफर और वसीम कमल ने पीड़ितों को 1 लाख पर 10 प्रतिशत महीना मुनाफा देने का एग्रीमेंट भी किया। इसके बाद 4 से 6 महीनों तक मुनाफा भी मिला। आरोप है कि इसके बाद आज तक न कोई मुनाफा दिया मिला न ही उनके द्वारा दिए गए रुपये वापस मिले।

पीड़ित के अनुसार, वसी और वसीम कमल रुपये वापस करने में आनाकानी कर रहे हैं। पांच लाख वापस मांगने पर लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। पीड़ित युवक ने वसीम कमल पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया है।

उनका कहना है कि वसी का भाई वसीम जफर कैफी भी पूरे प्रकरण में शामिल है। पीड़ित ने बताया कि वे वसीम कमल के नाम पर एग्रीमेंट बनाना चाहता था। क्योंकि वह लग्जरी ट्रैवल्स का मालिक है। लेकिल वसीम कमल ने दबाव डालकर सिर्फ वसी जफर इकबाल के नाम पर ही एग्रीमेंट बनवाया। एग्रीमेंट में वह खुद गवाह बन गया। पूछने पर वसीम कमल ने बताया कि वह और वसी पार्टनर हैं। एग्रीमेंट किसी के भी नाम से हो भुगतान दोनों को ही करना होगा। संबंधित एग्रीमेंट में वसीम कमल ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किया है।

वसीम कमल और वसीम जफर कैफी पर वसी को अंडरग्राउंड कराने का आरोप

पीड़ित ने बताया कि वसीम कमल और वसीम जफर कैफी ने वसी को अंडरग्राउंड कर दिया है। वसीम कमल से पूछने पर कहता है कि जिससे एग्रीमेंट किया गया है उससे समझो नहीं तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। पीड़ित लगातार वसी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह फरार हो गया है। पीड़ित का कहना है कि एक-दो बार वसी से फोन पर बात भी हुई। फोन पर वसी ने रुपये वापस करने से साफ इंकार कर दिया। केस करने की बात कहने पर उसने जान से मारने की धमकी दी।

पहले दोनों भाईयों ने झांसे में लेकर ठगे एक लाख

पीड़ित के अनुसार, पहले वसी और वसीम कमल (दोनों भाई) ने उन्हें झांसे में लिया। दोनों भाई पहले एक लाख रुपये लेने पीड़ित के घर आए। एक लाख रुपये लेने के बाद दोबारा 15 दिनों के बाद आए। उन्होंने दोबारा पीड़ित युवक को झांसे में लिया। फिर से दानों भाईयों ने लालच देकर एक लाख रुपये ठगे।

लगभग एक महीने के बाद दोनों भाई वसीम कमल के साथ फिर पीड़ित के घर आए। बिजनेस में और पैसे लगाने की जरूरत बताकर, और ज्यादा मुनाफा का लालच देकर तीनों ने दो लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित युवक का कहना है कि इस तरह उन्होंने बिजनेस में रुपये लगाने और मुनाफा के नाम पर चार लाख रुपये ठग लिए। इसके बाद तीनों ने पीड़ित के मौसी से भी एक लाख रुपये की ठगी कर ली।

-चंदन कुमार सिन्हा, रांची एसएसपी
-चंदन कुमार सिन्हा, रांची एसएसपी


पीड़ित की जो भी शिकायत है, वह मेरे पास एक लिखित आवेदन दें। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

-चंदन कुमार सिन्हा, रांची एसएसपी

डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को दिए हैं ये निर्देश

  • थाने में समय पर एफआईआर दर्ज करने का दिया है निर्देश
  • किसी भी पीड़िता के आवेदन पर क्षेत्र के संबंध में विचार किए बिना अविलंब आवेदित थाना में मामला दर्ज करने का निर्देश
  • महिलाओं और बच्चों की बात सुनने का भी है निर्देश
  • साइबर अपराध, एसटी-एससी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, और महिला अपराध से जुड़े मामलों में आवेदन करने वाले पीड़ितों का उसी थाने में एफआईआर दर्ज करने का दिया है निर्देश
  • थानेदारों और थाना में पदस्थापित मुंशी और अन्य कर्मियों को आम जनता के प्रति अच्छा व्यवहार करने का है निर्देश

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