Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के अर्का जैन यूनिवर्सिटी (AJU) ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह संस्थान न केवल झारखंड और बिहार के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहा है, बल्कि अब यह एक वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। हाल ही में, यूनिवर्सिटी में तंजानिया, अफ्रीका, बांग्लादेश और नेपाल सहित कई देशों से विदेशी छात्रों ने दाखिला लिया है। इस पहल को लौहनगरी जमशेदपुर और पूरे झारखंड के लिए गौरव का विषय माना जा रहा है।
2017 में मिला यूनिवर्सिटी का दर्जा
वर्ष 2011 में जैन कॉलेज के रूप में स्थापित यह संस्थान 2017 में अर्का जैन यूनिवर्सिटी बन गया। इसका मूल उद्देश्य स्थानीय छात्रों का दूसरे राज्यों में पलायन रोकना था। आज, इस विश्वविद्यालय में 7000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनमें देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर, त्रिपुरा, शिलांग और गुवाहाटी के छात्र भी शामिल हैं।
छात्रों को मिला ‘घर और परिवार’ जैसा माहौल
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रबंधन की ओर से बोर्ड ऑफ मैंनेजमेंट के चेयरमैन डॉ. एसएस रजी, कुलपति डॉ. ईश्वरन अय्यर, निदेशक सह कुलसचिव डॉ. अमित कुमार श्रीवास्तव, प्रतिकुलपति डॉ. अंगद तिवारी समेत सभी पदाधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि यहां उन्हें सिर्फ एक संस्थान ही नहीं, बल्कि एक घर और परिवार जैसा माहौल मिलेगा।
एंबेसी व स्थानीय स्तर पर सभी औपचारिकताएं पूरी
छात्रों की सुविधा के लिए एंबेसी और स्थानीय स्तर पर सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।अर्का जैन यूनिवर्सिटी अपनी बेहतरीन शैक्षणिक सुविधाओं, आधुनिक शिक्षण पद्धतियों और शानदार प्लेसमेंट रिकॉर्ड के कारण छात्रों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली है।