RANCHI: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने चाईबासा में नो इंट्री की मांग को लेकर मंत्री के घर का घेराव और शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे रहे आदिवासी भाई बहनों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई की कड़ी भर्त्सना की है। उन्होंने कहा कि तांबो चौक पर हुई बर्बर पुलिसिया कार्रवाई ने झारखंड की सरकार का क्रूर और अमानवीय चेहरा सामने ला दिया है। यह हमला कानून-व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की हिफाजत करने वाला राज्य-प्रायोजित आतंक है।
ग्रामीण कर रहे थे प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भाई-बहन शांतिपूर्वक ‘नो एंट्री’ नियम लागू करने की मांग कर रहे थे। जिससे कि उन्हें अवैध बालू और लौह अयस्क ढोने वाले उन किलर ट्रकों से मुक्ति मिल सके जो पिछले एक साल में 100 से अधिक निर्दोष जिंदगियों को कुचल चुके हैं।उन्होंने कहा कि सरकार का यह अड़ियल रवैया है कि वह ‘नो एंट्री’ क्यों नहीं लागू कर रही। इसका कारण बेहद भयावह है। यह पूरा मार्ग अवैध खनन सिंडिकेट की जीवन रेखा है। यह सर्वविदित है कि इन ट्रकों से होने वाली अवैध ढुलाई में मंत्री से लेकर प्रशासन तक सब शामिल हैं। हर ट्रक से कमीशन लिया जाता है। सरकार इस अवैध कारोबार को बंद नहीं करना चाहती क्योंकि इससे अवैध कमाई का खजाना रुक जाएगा।
मधु कोड़ा ने किया भ्रष्टाचार का पर्दाफाश
बाबूलाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने खुद इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को उन्होंने नोवामुंडी में 6 अवैध ट्रकों (3 लोडेड और 3 लोडिंग के लिए तैयार) की सूचना पुलिस को दी थी। लेकिन दुख की बात है कि आज तक पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की यह आपराधिक निष्क्रियता सिद्ध करती है कि वे खनन माफिया के साथ पूरी तरह मिले हुए हैं।
रात 11 बजे की गई बर्बरता
उन्होंने कहा कि जब ग्रामीण सुबह से लेकर देर रात तक NH-220 पर शांति से धरना दे रहे थे और अपना भोजन बना रहे थे, तब रात 11 बजे उन पर अचानक बर्बरता की गई। इस शांत और निहत्थी भीड़ पर पुलिस ने न केवल लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले दागे। सूत्रों के अनुसार फायरिंग भी की गई, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह कैसा न्याय है कि जो अपनी सुरक्षा मांग रहे हैं, उन्हें बदले में पुलिस की लाठियां और गोलियां मिल रही हैं।
मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग
उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और उन पर हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाया जाए। साथ ही ‘नो एंट्री’ नियम को अविलंब लागू किया जाए और पीड़ित परिवारों को न्याय व मुआवजा दिया जाए। झारखंड की जनता अवैध खनन की आड़ में किए गए इस नरसंहार को कभी माफ नहीं करेगी। भ्रष्ट सरकार को जनता उखाड़ फेंकेगी।


