रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में सरकार को आखिरकार नीति बदलनी पड़ी, लेकिन यह बदलाव उस समय हुआ जब उमस भरी गर्मी में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान लगभग 20 युवाओं ने अपनी जान गंवा दी।
गर्मी में परीक्षा
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने चुनावी लाभ के लिए युवाओं को जलते हुए आसमान के नीचे दौड़ने पर मजबूर किया। उनका कहना था कि यह तब हुआ जब मुख्यमंत्री ने चुनाव से पहले युवाओं को आकर्षित करने के लिए जोखिम भरे कदम उठाए थे। मरांडी ने यह भी सवाल उठाया कि जब चुनाव हो चुके हैं और तीन महीने बीत चुके हैं, तो अब नियुक्ति प्रक्रिया को क्यों ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है?
नियुक्ति पत्र जारी करने में देरी पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से यह सवाल किया कि जिस तेजी से युवाओं को जोखिम में डाला गया, क्या उसी तत्परता से उनका हक क्यों नहीं दिया जा सकता? उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्पष्ट तौर पर कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा। सरकार को बिना किसी विलंब के सारी प्रक्रियाएं पूरी करनी चाहिए और जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र जारी करने चाहिए।