Ranchi (Jharkhand) : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय (CGL) परीक्षा में हुए बड़े पैमाने पर पेपर लीक और धांधली के मामले पर राजनीति गरमा गई है। झारखंड भाजपा के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की है।
मरांडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भ्रष्ट अधिकारियों ने इस घोटाले को दबाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन अब उनके कुकर्म अदालत में उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आधी रात को इंटरनेट बंद करना, लाखों रुपये के लेन-देन के सबूत मिलना और मुख्यमंत्री द्वारा बिना किसी ठोस जांच के आयोग को क्लीन चिट देना, यह सब एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा करता है।
छात्रों का संघर्ष होगा सफल
बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि पेपर लीक का सीधा संबंध मुख्यमंत्री के करीबी लोगों से लेकर नेपाल तक सक्रिय दलालों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार पर सीआईडी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती करने और न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया। मरांडी ने कहा कि सीआईडी की कार्यप्रणाली पहले से ही सवालों के घेरे में है, और अब तो उच्च न्यायालय ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाने के लिए सीबीआई जांच ही एकमात्र और अंतिम विकल्प है। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कहा, “साजिशकर्ता चाहे कितने भी ताक़तवर क्यों न हों, उनके पापों का हिसाब होगा। छात्रों का संघर्ष जरूर सफल होगा।”