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बहराइच हिंसाः आखिर STF चीफ ने किसके कहने पर उठाई पिस्तौल?

विसर्जन के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों के साथ डीजे बजाने को लेकर बहस हुई। इस लड़ाई झगड़े में राम गोपाल मिश्रा नाम के एक युवक की हत्या हो गई। इसी मामले में सोमवार को लोग लाठी-डंडे के साथ सड़कों पर निकल गए।

by Reeta Rai Sagar
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बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में हिंसा की घटना से हालात बेकाबू हो गई है। उग्र भीड़ को देखकर पुलिस प्रशासन भी पीछे हट गई है। हजारों की संख्या में जुटी भीड़ ने अस्पताल में आग लगा दी है। कई दुकानों व शोरूम को आग के हवाले कर दिया है। इससे पहले आक्रोशित लोगों ने 5 किलोमीटर लंबी शव यात्रा भी निकाली।

बहराइच के महसी तहसील के महाराजगंज बाजार इलाके में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के बाद सांप्रदायिक हिंसा शुरू हुई। विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नाम के एक युवक की हत्या हो गई। इसी मामले में सोमवार को लोग लाठी-डंडे के साथ सड़कों पर निकल गए। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने दुकान, बाइक की शोरूम और शोरूम के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी आग में झोंक दिया। हाइवे पर भी जाम लगा दिया। खबर है कि इस झड़प में प्रशासनिक अधिकारी भी घायल हुए है।

योगी का आदेश , नहीं बख्शा जाएगा

प्रदर्शनकारियों ने शव का अंतिम संस्कार करने से भी इंकार कर दिया है। दूसरी ओर इस मामले में बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह का कहना है कि उनकी गाड़ी पर भी फायरिंग की गई। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को सख्ती से निपटने के आदेश दिए है। योगी ने कहा कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन को योगी सरकार की ओर से सख्त हिदायत दी गई है कि वे उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

10 थानों की पुलिस तैनात


इस मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद, सरफराज, फहीम, मारूफ, साहिर, ननकऊ, समेत कई लोग है। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इलाके में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। घटना स्थल पर 10 थानों की पुलिस और एक कंपनी पीएसी को भी तैनात किया गया। डीएम व एसपी वृंदा शुक्ला समेत कई उच्च अधिकारी भी देर रात हेलमेट पहनकर चौराहे पर जमे रहे। पुलिस ने बताया कि पूरी घटना की वीडियोग्राफी कराई गई है, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

क्या है मामला

गांव वालों के अनुसार, विसर्जन के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों के साथ डीजे बजाने को लेकर बहस हुई। इसी के विवाद बढ़ता चला गया और पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई। हिंदू पक्ष की ओऱ से कई लोग घायल हुए। इलाके के लोगों में पुलिस को लकेर आक्रोश है। उनका कहना है कि पुलिस ने लापरवाही बरती और पीड़ितों पर ही लाठियां चलाई। हिंसा के दौरान पुलिस भी भागती दिखीं।

6 जिलों के PAC तैनात

खबरों के अनुसार, हालात के बेकाबू होने पर सीएम योगी के आदेश पर एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को मैदान में खुद उतरना पड़ा। आगजनी करने वाली भीड़ को पहले तो रोकने का प्रयास किया गया। इसके बाद भी बात नहीं बनी, तो अमिताभ यश हाथ में पिस्टल लेकर भीड़ की ओर दौड़ पड़े। हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। 6 जिलों से पीएसी को बहराइच में डिप्लॉय किया गया है। पुलिस शांति बनाए रखने की अपील कर रही है। पुलिस का कहना है कि समुदाय के लोग आएं और बैठकर बात करें, तभी समाधान निकलेगा।

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