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Jharkhand में बांग्लादेशी घुसपैठ पर सियासी घमासान, चंपई सोरेन ने हेमंत सरकार को घेरा

पार्टी का कहना है कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान छुपाकर की जा रही गतिविधियां न केवल राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

by Reeta Rai Sagar
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Ranchi: झारखंड में कथित बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि साहिबगंज जिले से फर्जी आधार कार्ड बनवाकर बांग्लादेशी नागरिक न केवल राज्य में प्रवेश कर रहे हैं, बल्कि मुंबई तक अपना जाल फैला चुके हैं।

मुंबई में पकड़े गए 13 बांग्लादेशी, झारखंड कनेक्शन
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने 28 अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि मुंबई के विक्रोली बाजार से 13 बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आम बेचने वाले फेरीवालों के रूप में काम कर रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके पास मिले सभी आधार कार्डों में जन्मतिथि 1 जनवरी दर्ज थी और पते झारखंड के साहिबगंज जिले के थे।

सोमैया ने अपने पोस्ट में लिखा, “इन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने मुंबई में आम विक्रेता, नारियल विक्रेता और ओला-ऊबर टैक्सी ड्राइवर के रूप में घुसपैठ की है।”

सीमावर्ती जिलों में आदिवासियों की आबादी खतरे में: चंपई सोरेन
सोमवार को चंपई सोरेन ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरते हुए कहा, “तीन महीने पहले हमने जिन बातों को लेकर चेतावनी दी थी, वे अब हकीकत बनती दिख रही हैं। साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका जैसे सीमावर्ती इलाकों में आदिवासी जनसंख्या पर खतरा मंडरा रहा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि साहिबगंज जिले में धड़ल्ले से फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं और इनका इस्तेमाल घुसपैठ के लिए किया जा रहा है। सोरेन ने कहा, “इन सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, फिर भी राज्य सरकार आंखें मूंदे बैठी है। कोई ठोस जांच नहीं हो रही है।”

एसपीटी एक्ट क्षेत्र में आदिवासी आबादी में गिरावट
चंपई सोरेन ने चिंता जताते हुए कहा कि संथाल परगना टेनेंसी (एसपीटी) एक्ट के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में आदिवासी जनसंख्या, जो कभी 47 प्रतिशत से अधिक थी, अब लगातार घट रही है। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने जिन जमीनों को बचाने के लिए संघर्ष किया, आज उन्हीं जमीनों पर आदिवासी समुदाय का अस्तित्व खतरे में है।”

धार्मिक रूपांतरण पर भी चिंता
चंपई सोरेन ने जबरन धार्मिक रूपांतरण के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की और इसे जनजातीय रीति-रिवाजों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, “आज साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका जैसे जिलों में आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है। और विडंबना यह है कि मुंबई में जो फर्जी आधार कार्ड सामने आए हैं, उनका संबंध भी इन्हीं क्षेत्रों से है। बावजूद इसके, राज्य सरकार जांच शुरू करने को तैयार नहीं है।”

भाजपा का सरकार पर हमला, उच्चस्तरीय जांच की मांग
भाजपा ने इस पूरे मामले में झारखंड सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल एक उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पार्टी का कहना है कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के जरिए पहचान छुपाकर की जा रही गतिविधियां न केवल राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि इससे स्थानीय जनसंख्या और सांस्कृतिक पहचान पर भी गंभीर संकट खड़ा हो रहा है।

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