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JHARKHAND HEALTH NEWS: राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की होगी नियुक्ति, मिलेगा गुणवत्तापूर्ण इलाज: डॉ. इरफान अंसारी

by Vivek Sharma
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रांची: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मंगलवार को रांची के एक होटल में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। यह कार्यक्रम आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।

एआई तकनीक से सुधारेंगे रिम्स को

डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में बेहतरीन डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी और रिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए एआई तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं। निजी अस्पतालों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मंत्री ने कहा कि कुछ अस्पताल जब तक योजना की राशि उपलब्ध रहती है तब तक ही मरीजों का इलाज करते हैं, उसके बाद उन्हें रेफर कर देते हैं। जिससे गंभीर स्थिति में मरीजों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने इसे अमानवीय बताते हुए कहा कि अस्पतालों को मरीज के इलाज की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि निजी अस्पतालों के लिए एक और कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

अस्पताल और विभाग में तालमेल जरूरी 

कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य अस्पतालों की कठिनाइयों को समझना और विभाग के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 31,000 बेड हैं, जबकि आवश्यकता 1,13,000 बेड की है। उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर में गिरावट आई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

गाइडलाइन का पालन करें निजी अस्पताल

कार्यक्रम में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक अबु इमरान ने सभी निजी अस्पतालों से गाइडलाइन का सौ प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि छोटे अस्पतालों को प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता है जो नियमों को समझ सकें। उन्होंने राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना और वय वंदन योजना के अंतर्गत अस्पतालों को पंजीकृत करने पर भी बल दिया। कार्यक्रम के दौरान आयुष्मान भारत योजना सहित अन्य योजनाओं पर चर्चा की गई और अस्पतालों की क्षमता, शिकायत निवारण प्रणाली जैसे विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यशाला में सभी जिलों के सिविल सर्जन सहित शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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