रांची : रेलवे की ओर से भारत गौरव विशेष ट्रेन की शुरुआत की जा रही है, जो झारखंड वासियों को सात ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करायेगी। इस संबंध में रेलवे की ओर से बताया गया है कि एक नई और अद्वितीय यात्रा का आरंभ होने जा रहा है। 5 जनवरी 2025 (रविवार) को झारसुगुडा से 7 ज्योतिर्लिंग यात्रा के साथ यह ट्रेन शिर्डी के लिए निकलेंगी। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय रेलवे के “देखो अपना देश” और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पहल को बढ़ावा देना है, जिससे पर्यटकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर से अवगत कराया जा सके।
एक शानदार पर्यटन का अनुभव
भारतीय रेलवे, विशेष रूप से भारतीय रेलवे कैटरिंग टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (IRCTC), ने यह ट्रेन चलाने का फैसला किया है ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भारत की धार्मिक यात्रा का अनुभव मिल सके। यह ट्रेन झारखंड से पहली बार भारत गौरव पर्यटक सर्किट स्पेशल ट्रेन के रूप में शुरू हो रही है। यात्रा की शुरुआत झारसुगुडा से होगी और यात्रियों को विभिन्न महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के दर्शन होंगे।
इन स्टेशनों से होकर गुजरेगी
यह ट्रेन राउरकेला, रांची, मूरी, बोकारो स्टील सिटी, हजारीबाग रोड, कोडरमा, गया, राजगीर, बिहारशरीफ, पटना, बक्सर, आरा, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन होते हुए प्रमुख ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचेगी। तीर्थ स्थलों में भीमाशंकर, द्वारका, ग्रिशनेश्वर, महाकालेश्वर, नागेश्वर, ओंकारेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, शिर्डी और सोमनाथ शामिल हैं। यात्रा 17 जनवरी 2025 को वापस झारसुगुडा पहुंचेगी। इस यात्रा में कुल 12 रात और 13 दिन का समय लगेगा।
सुविधाएं और किराया
इस यात्रा में यात्रियों को स्लीपर क्लास और 3 एसी क्लास में यात्रा का विकल्प मिलेगा। इसके साथ ही शाकाहारी भोजन, बस यात्रा, होटल में ठहरने की व्यवस्था, सिक्यूरिटी गार्ड और टूर एस्कॉर्ट की सेवा प्रदान की जाएगी। यात्रा के दौरान प्रत्येक यात्री को बीमा सुविधा भी दी जाएगी। कुल यात्रा का खर्च स्लीपर क्लास के लिए 24,330 रुपये और 3 एसी क्लास के लिए 42,655 रुपये रहेगा। यह यात्रा उन श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अवसर है जो भारत के विभिन्न प्रसिद्ध तीर्थस्थलों का दर्शन करना चाहते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के दर्शन
भारत गौरव ट्रेन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और धार्मिक स्थलों को लेकर एक अनूठा अनुभव देना है, जिससे देशभर के पर्यटकों को भारत की विविधता और धरोहर का अहसास हो सके। यह यात्रा भारत को एक धार्मिक और सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में और अधिक लोकप्रिय बनाएगी।


