जमशेदपुर : भुइयांडीह में लिट्टी चौक के पास स्वर्णरेखा नदी पर 77 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित ब्रिज को 38 मीटर अधिक लंबा बनाया जाएगा। अब इसे 268 मीटर लंबा बनाने का प्लान पथ निर्माण विभाग ने तैयार किया है। यानि, इस पुल एक स्पान और लंबा करने की योजना है। इसके लिए रांची स्थित पथ निर्माण विभाग के सीडीओ को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही रांची से सीडीओ की टीम स्थल का निरीक्षण करने के लिए जमशेदपुर आएगी। ब्रिज को अधिक लंबा इसलिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में नदी के कटाव के बाद भी ब्रिज मजबूत बना रहे और भयंकर बाढ की स्थिति में भी इसे कोई नुकसान नहीं हो। पहले इस पुल की प्रस्तावित लंबाई 228 मीटर थी। इसकी लंबाई में 38-38 मीटर के 6 स्पान बनाए जाने थे। अब जबकि, ब्रिज की लंबाई 268 मीटर प्रस्तावित है। इसमें 38-38 मीटर के 7 स्पान बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पुल की चौड़ाई 50 मीटर है। जमशेदपुर पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने कुछ दिन पहले नदी का निरीक्षण किया है। इस निरीक्षण में उन्होंने पाया कि अगर ब्रिज की लंबाई बढा दी जाए तो यह बेहतर रहेगा। इसी के बाद इसकी लंबाई बढाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए इंजीनियरों ने 90 के दशक में आई बाढ की स्टडी की है। विभाग को पता चला है कि तब जो बाढ आई थी उसमें पानी मानगो ब्रिज तक पहुंच गया था। नदी के दोनों घाटों से काफी दूर तक इस बाढ का विस्तार था।
सीडीओ की टीम देगी स्पान बढाने की मंजूरी
ब्रिज को अधिक लंबा करने और इसके स्पान बढाने के प्रस्ताव को रांची के पथ निर्माण विभाग की सीडीओ की टीम की मंजूरी जरूरी है। इसके लिए जल्द ही पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों की एक टीम जमशेदपुर आएगी और भुइयांडीह जाकर स्थल का निरीक्षण करेगी। अगर टीम के इंजीनियरों को लगेगा कि जमशेदपुर के पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों की सोच सही है और उन्होंने जो प्रस्ताव भेजा है उसे धरातल पर उतरना चाहिए। तो वह पुल की लंबाई बढाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे देंगे। सूत्र बताते हैं कि लिट्टी चौक के ब्रिज की लंबाई बढाने के प्रस्ताव के मिलने के बाद सीडीओ की टीम जमशेदपुर आने की तैयारी में जुट गई है। जल्द ही इंजीनियरों की टीम कभी कभी स्थल का जायजा लेने के लिए भुइयांडीह आ सकती है।
सबमर्सिबल नहीं बनेगा हाईलेवल ब्रिज
इंजीनियरों का कहना है कि भुइयांडीह लिट्टी चौक पर बनने वाला ब्रिज सबमर्सिबल ब्रिज नहीं होगा। यह हाईलेवल ब्रिज होगा। अभी मानगो में जो ब्रिज बना है यह दोनों ब्रिज सबमर्सिबल ब्रिज कहलाता है। पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि सबमर्सिबल ब्रिज के बाढ में डूबने की आशंका बनी रहती है। इसलिए अब विभाग हाईलेवल ब्रिज बनाता है। हाईलेवल ब्रिज में ऊंचे पाए होते हैं और यह पुल काफी ऊंचा होता है। ताकि बाढ का पानी पुल तक नहीं पहुंच सके।
3400 मीटर लंबे पहुंच पथ के लिए शुरू होगा भूअर्जन
भुइयांडीह लिट्टी चौक ब्रिज के लिए 3400 मीटर लंबा पहुंच पथ बनाया जाएगा। इसका पहुंच पथ नेशनल हाईवे 33 की तरफ अधिक लंबा होगा। जबकि, भुइयांडीह की तरफ इस पुल की लंबाई कम होगी। पहुंच पथ के लिए भू अर्जन का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। इसके लिए पथ निर्माण विभाग प्रपोजल तैयार कर रहा है। अभी यह देखा जा रहा है कि पहुंच पथ के लिए लगने वाली भूमि में कितनी सरकारी है। कितनी जमीन टाटा स्टील की है और कितनी जमीन रैयती है। रैयती जमीन का आकलन करने के बाद भूअर्जन का पूरा खाका तैयार होगा और रांची से इसे जमशेदपुर भेजा जाएगा। तब जमशेदपुर पथ निर्माण विभाग भू अर्जन व मुआवजा निर्धारण के लिए जिला भू अर्जन विभाग को पत्र लिखेगा।
ब्रिज के अगले साल बन कर तैयार होने में पेच
भुइयांडीह लिट्टी चौक पर यह ब्रिज 18 महीने में बन कर तैयार होना है। ब्रिज अगले साल बन कर तैयार होने की बात कही जा रही है। इसका टेंडर रांची की सतीश प्रसाद कंपनी को मिला है। मगर, अब तक इस पुल का काम शुरू नहीं हो पाया है। पुल की फाइनल डिजाइन तैयार नहीं हो पाई है। यही नहीं, भू अर्जन में सबसे अधिक देर लगती है। अब तक भू अर्जन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। माना जा रहा है कि इधर भू अर्जन और फाइनल डिजाइन में जितने महीने लगेंगे उतने महीने पुल का निर्माण लेट हो जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ब्रिज साल 2026 तक तैयार होना मुश्किल है। इसके तैयार होने में कई महीने और लगेंगे।
लिट्टी चौक ब्रिज बनने से मानगो को मिलेगी जाम से निजात
लिट्टी चौक से भिलाई पहाड़ी तक बनने वाले इस ब्रिज का निर्माण होने के बाद मानगो को जाम से निजात मिल जाएगी। पुल बनने के बाद टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टीआरएफ, टीएसडीपीएल आदि कंपनियों के व्यवसायिक वाहन इसी पुल से एनएच 33 तक आना जाना करेंगे। इससे मानगो बस स्टैंड गोलचक्कर पर यातायात नहीं रुकेगा।
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