RANCHI: रांची में जल संरक्षण को नई दिशा देते हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने भुंगरू एक्वा लाइन जल संचयन परियोजना का शुभारंभ किया। यह पहल वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और ग्रामीण समुदायों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, जो बदलते जलवायु संकट के बीच लाइफ लाइन साबित हो सकती है। उपायुक्त ने कहा कि जल जीवन का आधार है। भुंगरू एक्वा लाइन परियोजना न केवल जल संचयन को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमारा प्रशासन जल संकट से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।

जल संरक्षण को बनाना होगा सामाजिक आंदोलन
उन्होंने आगे कहा कि जल संरक्षण केवल तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक आंदोलन होना चाहिए। उन्होंने लोगों को चेताया कि हमें केवल औपनिवेशिक शोषण से ही नहीं, बल्कि नशे, कुप्रथाओं और पर्यावरण विनाश जैसे ‘नए अंग्रेजों’ से भी लड़ना होगा। भुंगरू एक्वा लाइन इसी संघर्ष का प्रतीक है। साथ ही परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला जल एवं स्वच्छता मिशन, पीएचईडी और स्थानीय एनजीओ को बधाई दी। उन्होंने निर्देश दिया कि परियोजना के प्रभाव का मूल्यांकन हर तीन महीने में किया जाए और यदि परिणाम सकारात्मक हों तो इसे अन्य प्रखंडों में भी विस्तार दिया जाए।
जल आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी कदम
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। विभाग ने भविष्य में 10 और इसी तरह की परियोजनाओं को लागू करने की घोषणा की। बता दें कि भुंगरू एक्वा लाइन पहल न केवल जल संकट से राहत देगी, बल्कि ग्रामीणों को आजीविका, स्वच्छता और स्वास्थ्य के नए अवसर भी उपलब्ध कराएगी। यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो यह झारखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए जल संरक्षण का आदर्श बन सकता है।