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बाइडेन व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देश के बीच शिक्षा व रिसर्च के प्रति गंभीर

by Rakesh Pandey
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देश के बीच शिक्षा व रिसर्च के प्रति गंभीर
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जमशेदपुर: अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक आउटरिच मंगलवार काे एक्सएलआरआइ जमशेदपुर कैंपस पहुंची। इस दौरान उन्होंने एक्सएलआरआइ प्रबंधक, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से बात की, साथ ही भारतीय व अमेरिकी शिक्षण संस्थानों के बीच साझा प्रयास से शिक्षा व रिसर्च को बढ़ाने देने पर बल दिया।

 अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देश के बीच शिक्षा व रिसर्च के प्रति गंभीर

इससे पूर्व एक्सएलआरआइ के डीन एकेडमिक्स प्रो. संजय पात्रो ने एक्सएलआरआइ में मौजूद कोर्स, उसकी विसारत व पूरी दुनिया के विभिन्न देश व शहरों में एक्सएलआरआइ के पूर्ववर्ती विद्यार्थियों के होने की जानकारी दी। बताया कि अमेरिका के सिर्फ न्यूयॉर्क में एक्सएलआरआइ के करीब 400 पूर्ववर्ती विद्यार्थी कार्यरत हैं।

बाइडेन व भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों देश के बीच शिक्षा व रिसर्च के प्रति गंभीर:

अमेरिकी महावाणिज्यदूत मेलिंडा पावेक ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी व भारतीय शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षा व रिसर्च के प्रति गंभीर हैं। दोनों देशों के शिक्षा व रिसर्च को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने इसके लिए स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम को गति प्रदान करने की बात कही। कहा कि अमेरिका में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय पढ़ाई कर रहे हैं, विकासशील छात्रों को अपने देश के प्रति अच्छी समझ भी है। पावेक ने कहा कि अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का सपना है कि अधिक से अधिक अमेरिकी छात्र भारत आएं और वे भारत की विविधता, ऊर्जा यहां के लोगों के टैलेंट को करीब से जानें। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम से दोनों देशों का ना सिर्फ फायदा होगी बल्कि हॉलिस्टिक ग्रोथ भी संभव होगा।

भारत व अमेरिका का एकेडमिक कैलेंडर एेसे तैयार किया जाए की दाेनाें देश के विद्यार्थी लाभ उठा पाएं:

विद्यार्थियों से बातचीत के क्रम में मेलिंडा पावेक ने कहा कि हमारी एजुकेशनल सिस्टम व एकेडमिक कैलेंडर में काफी अंतर है। एकेडमिक कैलेंडर को साझा प्रयास से इस प्रकार से तैयार करने की आवश्यकता है कि भारत व अमेरिकी शिक्षण संस्थानों का कैलेंडर इस प्रकार हो कि दोनों देश के विद्यार्थी समर इंटर्नशिप पर अलग-अलग देशों में जा सकें। विभिन्न सेमेस्टर को भी नए सिरे से डिजाइन करने पर बल दिया।

वीजा प्रणाली काे अासान बनाया जा रहा है:

मेलिंडा पावेक से जब यह पूछा गया कि अमेरिकी वीजा एप्लीकेशन प्राेसेस में देरी की क्या वजह है, इस पर उन्हाेंने कहा कि यूएस मिशन इन इंडिया के लिए एजुकेशन एंड रिसर्च कोलैब्रेशन करना टॉप प्रायोरिटी है। वीजा टीम द्वारा कम से कम समय में वीजा के लिए इंटरव्यू लिया जाए, और उन्हें वीजा मिले इसके लिए कार्य किया जा रहा है। पहली बार वीजा लेने में तमाम दस्तावेजों की जांच व अन्य जांच में देर होती है, लेकिन वीजा प्रॉसेस को सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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