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गोरखपुर : साहित्यकार अमित कुमार की बड़ी उपलब्धि, राजस्थान शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थी अब पढ़ेंगे ‘पहली उड़ान’

आज यह आवश्यक हो गया है कि हम अपने पाठ्यक्रमों में छात्रों को पर्यावरण, जंगल और वन्य जीवन के बारे में अनिवार्य रूप से पढ़ाएं। क्योंकि आने वाले दिनों में पर्यावरण, जंगल और वन्य जीवन को बचाने का सारा दायित्व इन्हीं पर है।

by Anurag Ranjan
राजस्थान शिक्षा बोर्ड के हाइस्कूलों में उपलब्ध रहेगी अमित कुमार की पुस्तक पहली उड़ान
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गोरखपुर : विज्ञान और पर्यावरण पर अपनी लेखनी से अमिट छाप छोड़ने वाले साहित्यकार अमित कुमार के कहानी संग्रह “पहली उड़ान” को अब राजस्थान शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस किताब की 32 हजार प्रतियां राजस्थान के करीब 32 हजार हाईस्कूलों की लाइब्रेरी के लिए छपवाई गई हैं। पर्यावरण और वन्यजीवन पर आधारित इस संग्रह को वर्ष 2023 के प्रतिष्ठित हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।

स्कूलों की लाइब्रेरी में उपलब्ध रहेगी “पहली उड़ान”

गौरतलब है कि पहली उड़ान का पहला प्रकाशन वर्ष 2020 में हुआ था। तब से लेकर अब तक इसके तीन संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। नई शिक्षा नीति में पर्यावरण और जंगल की जीवन शैली को विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास सभी शिक्षा बोर्डों की और से किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने हाईस्कूल तक के अपने स्कूलों की लाइब्रेरी के लिए अमित कुमार की इस पुस्तक का चयन किया गया है।

साहित्यकार अमित कुमार
साहित्यकार अमित कुमार

“पहली उड़ान” का चयन राजस्थान शिक्षा बोर्ड में

“पहली उड़ान” का पहला संस्करण 2020 में प्रकाशित हुआ था, और अब तक इसके तीन संस्करण सामने आ चुके हैं। राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने इस पुस्तक को अपने स्कूलों की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, ताकि विद्यार्थी पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीवन के महत्व को समझ सकें। नई शिक्षा नीति के तहत, यह पुस्तक विद्यार्थियों तक पर्यावरण और जंगल की जीवनशैली को पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

जंगल और पर्यावरण पर आधारित कहानियां

इस पुस्तक में कुल नौ कहानियां हैं, जो जंगली जीवन और पर्यावरण के विविध पहलुओं को छूती हैं। अमित कुमार ने “पहली उड़ान” की कहानी चील पर केंद्रित की है, जिसमें पर्यावरण और जंगली जीवन के प्रति संवेदनशीलता को उजागर किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का उद्देश्य विद्यार्थियों को जल, जंगल और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनाना है, ताकि आने वाली पीढ़ी इनकी रक्षा कर सके।

अमित कुमार को कहानी संग्रह पहली उड़ान के लिए वर्ष 2023 का प्रतिष्ठित हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार मिल चुका है
अमित कुमार को कहानी संग्रह पहली उड़ान के लिए वर्ष 2023 का प्रतिष्ठित हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार मिल चुका है

पाठ्यक्रम में पर्यावरण और वन्यजीवन की अहमियत

अमित कुमार का मानना है कि यह अत्यंत आवश्यक है कि छात्रों को पर्यावरण, जंगल और वन्य जीवन के बारे में पढ़ाया जाए, क्योंकि यह जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ी की होगी। अगर छात्र इन पहलुओं से भावनात्मक रूप से जुड़ेंगे, तभी वे इनके संरक्षण में योगदान दे पाएंगे।

समीक्षकों की राय और पुस्तक का महत्व

पुस्तक के समीक्षक डॉ. वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि “पहली उड़ान” छात्रों को जंगल और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का एक बेहतरीन माध्यम है। यह पुस्तक पाठकों को वन्य जीवन के महत्व को गहरे स्तर पर समझने का अवसर प्रदान करती है। दिल्ली के जुगनू प्रकाशन के सुशील शुक्ला ने बताया कि राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने लाइब्रेरी के लिए “पहली उड़ान” की 32 हजार प्रतियां ऑर्डर की थीं, जिन्हें बोर्ड को उपलब्ध करवा दिया गया है।

अमित कुमार की लेखनी का प्रभाव

अमित कुमार की लेखनी में विज्ञान और पर्यावरण का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। उनका मानना है कि जंगल और पर्यावरण के प्रति जागरूकता से ही हम अपनी प्राकृतिक धरोहर की रक्षा कर सकते हैं। “पहली उड़ान” की लोकप्रियता और राजस्थान शिक्षा बोर्ड में शामिल किए जाने से यह साबित होता है कि उनकी रचनाओं का समाज पर सकारात्मक असर पड़ा है।

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