Home » झारखंड BJP की बड़ी कार्रवाई, बगावत कर चुनाव लड़ रहे चार नेताओं को किया छह साल के लिए निष्कासित

झारखंड BJP की बड़ी कार्रवाई, बगावत कर चुनाव लड़ रहे चार नेताओं को किया छह साल के लिए निष्कासित

यह कार्रवाई उन नेताओं के लिए एक कड़ा संदेश है, जो पार्टी की विचारधारा से भटककर बगावत कर रहे हैं।

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर / रांची : झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपने पार्टी अनुशासन को लेकर एक कड़ा कदम उठाते हुए चार नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। ये नेता चुनावों में बागी बनकर मैदान में उतरे हैं और पार्टी के खिलाफ जाकर अलग-अलग सीटों से निर्दलीय या अन्य पार्टियों के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा की इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

जमशेदपुर पश्चिम में बागी विकास सिंह निष्कासित


इस कार्रवाई में सबसे बड़ा नाम है विकास सिंह, जो पहले भाजपा के सदस्य थे और जमशेदपुर पश्चिम से बागी होकर चुनावी मैदान में उतर गए । वे एनडीए गठबंधन के हिस्से के तहत जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवार सरयू राय के खिलाफ नामांकन भरने और चुनावी दौड़ में शामिल होने के बाद भाजपा से निष्कासित कर दिए गए हैं। विकास सिंह का भाजपा से जुड़ा होना कोई नई बात नहीं थी, लेकिन उनके द्वारा पार्टी विरोधी कदम उठाये जाने के बाद पार्टी ने यह कदम उठाया है। भाजपा का कहना है कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं के लिए कोई स्थान नहीं है।

जुगसलाई और जमशेदपुर पूर्वी में बागी उम्मीदवार


इसके बाद बिमल बैठा, जुगसलाई से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बिमल बैठा का नाम जमशेदपुर के राजनीति में लंबे समय से है, लेकिन उन्होंने भाजपा के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में कूदने का फैसला लिया। यही नहीं जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे शिवशंकर सिंह और राजकुमार सिंह को भी अब भाजपा प्रदेश कमेटी ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन तीनों नेताओं के खिलाफ पार्टी ने अलग-अलग निष्कासन आदेश जारी किए हैं।

पार्टी के खिलाफ काम करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे : भाजपा


भाजपा की इस कार्रवाई को लेकर पार्टी के कई नेताओं का कहना है कि यह सख्त कदम पार्टी के अनुशासन की जीत है। पार्टी का कहना है कि यदि कोई नेता पार्टी के खिलाफ काम करता है, तो उसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई उन नेताओं के लिए एक कड़ा संदेश है, जो पार्टी की विचारधारा से भटककर बगावत कर रहे हैं।

अन्य बागी नेताओं पर भी नजर


हालांकि, भाजपा का यह कदम केवल यहीं तक सीमित नहीं रहने वाला है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी और भी ऐसे नेताओं की पहचान कर रही है, जो पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं। इन बागी नेताओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और उनके खिलाफ आगे और कार्रवाई की जा सकती है। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि आगामी चुनावों में ऐसे नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई जारी रहेगी।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय, क्या असर पड़ेगा


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की सख्त कार्रवाई भाजपा की छवि को सशक्त कर सकती है, लेकिन यह भी देखा जाएगा कि अपने नेताओं पर पार्टी का नियंत्रण और अनुशासन कितनी दूर तक कायम रहता है। इन बागी नेताओं की अपनी राजनीतिक ताकत है और उनके निष्कासन से भाजपा की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।

Related Articles