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Bihar BPSC protest: पटना के गांधी मैदान में प्रशांत किशोर को पुलिस ने लिया हिरासत में, कुछ ही घंटों में मिली जमानत

जन सुराज पार्टी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि पुलिस ने किशोर को गांधी मैदान से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाकर अनशन तोड़ने की कोशिश की।

by Reeta Rai Sagar
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पटना : बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में इन दिनों गहमागहमी बनी हुई है। गांधी मैदान में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब पुलिस की एक टीम बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार को हिरासत में ले गई।

डॉक्टरों की टीम ने की भूख हड़ताल खत्म करने की अपील

प्रदर्शनकारियों के साथ हुई तीखी झड़प के बाद पुलिस ने पटना के गांधी मैदान को भी खाली करा दिया। किशोर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। जहां डॉक्टरों की टीम भी पहुंची और उन्हें समझाने का प्रयास किया कि वे भूख हड़ताल रद्द कर दें।

पुलिस और समर्थकों में झड़प

सोमवार को तड़के सुबह गांधी मैदान में उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ, जब बिहार पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और किशोर को हिरासत में ले लिया। किशोर को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई, जिसके बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है, जहां छात्र कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

2 जनवरी से बैठें है आमरण अनशन पर

पुलिसकर्मी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को खींचते हुए ले जाने लगी, तभी उनके समर्थक छात्र चिल्लाने लगे। पुलिस उन्हें एक वाहन में ले गई, जबकि किशोर प्रदर्शनकारियों पर हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने बीपीएससी उम्मीदवारों के समर्थन में 2 जनवरी को आमरण अनशन शुरू किया था, जो पेपर लीक का आरोप लगाते हुए फिर से परीक्षा की मांग कर रहे हैं।

जनसुराज पार्टी का आरोप, जबरन फास्ट तोड़ने की कोशिश

गौरतलब है कि रविवार (5 जनवरी) को कुछ चुनिंदा छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की गई थी। किशोर ने कहा था कि इस पुन: परीक्षा का मतलब है कि आयोग ने परीक्षाओं में अनियमितताओं को स्वीकार किया है। जन सुराज पार्टी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि पुलिस ने किशोर को गांधी मैदान से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाकर अनशन तोड़ने की कोशिश की।

पार्टी ने पोस्ट में दावा किया, ‘अनशन तोड़ने में नाकाम रहने के बाद प्रशासन प्रशांत किशोर को एक नई जगह पर ले जाने की कोशिश कर रहा है। आगे बताया गया कि ‘एम्स के बाहर प्रशांत किशोर को देखने के लिए इकट्ठा हुई भीड़ पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया।’

प्रशांत पर एफआईआर दर्ज

पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि किशोर और उनके समर्थकों को गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के सामने अवैध रूप से विरोध करने के लिए हिरासत में लिया था। सिंह ने कहा, ‘प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से प्रदर्शन करने के लिए गांधी मैदान पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बार-बार अनुरोध करने और पर्याप्त समय देने के बाद भी, जगह खाली नहीं की गई’।

उन्होंने कहा कि किशोर को बाद में दिन में अदालत में पेश किया जाएगा। किशोर ने हिरासत में लिए जाने से पहले कहा था कि उनकी पार्टी परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेगी।

जनसुराज पार्टी 7 जनवरी को करेगी याचिका दाखिल

जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा कि यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम इस विरोध को जारी रखेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, ‘हम अब जो कर रहे हैं, उसे जारी रखेंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा… हम 7 तारीख को उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।

इससे पहले रविवार को, उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव से विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का आग्रह किया था। बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने किसी भी प्रश्न पत्र के लीक होने से इनकार किया है और कहा है कि प्रारंभिक परीक्षा 912 केंद्रों में से 911 पर शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गई थी।

प्रशांत किशोर को मिली जमानत

पटना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद ही जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर को जमानत मिल गई है। सोमवार को राज्य की राजधानी में चल रहे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा विरोध प्रदर्शन के बीच उन्हें दीवानी अदालत ने जमानत दे दी है।

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