नई दिल्ली : बिहार के हरनौत निवासी एक सब्जी विक्रेता के बेटे झंडू कुमार ने केआईपीजी 2025 में इतिहास रचते हुए अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा और स्वर्ण पदक जीता। झंडू ने 72 किग्रा श्रेणी में 206 किग्रा वजन उठाकर यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। इससे पहले, उन्होंने मार्च 2023 में नोएडा में आयोजित पैरा नेशनल चैंपियनशिप में 205 किग्रा वजन के साथ हरियाणा के सुधीर कुमार का 192 किग्रा का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा था।
संघर्ष और सफलता का यात्रा
28 वर्षीय झंडू कुमार के लिए यह सफलता कोई आसान यात्रा नहीं रही। उनका जन्म पोलियो से ग्रस्त दोनों पैरों के साथ हुआ था। हरनौत में एक साधारण जीवन जीते हुए उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से खेलों में अपनी पहचान बनाई। झंडू का करियर हरनौत से शुरू हुआ, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने जल्द ही भारतीय खेलों के एक बड़े मंच पर अपनी जगह बनाई।
कोच राजिंदर सिंह रहेलू का मार्गदर्शन
झंडू कुमार की यात्रा में एक अहम मोड़ तब आया जब उन्होंने मशहूर पैरा कोच राजिंदर सिंह रहेलू के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया। कोच रहेलू ने झंडू को गांधीनगर बुलाया, और वहां उन्होंने अपनी प्रतिभा को और निखारा। रहेलू, जो 2004 एथेंस पैरालंपिक में पैरा पावरलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीत चुके हैं, ने झंडू को शानदार तरीके से प्रशिक्षित किया। झंडू कहते हैं, “गांधीनगर पहुंचने पर मुझे लगा कि यह एक अलग दुनिया है। कुछ दिनों तक मुझे लगा कि मैं इसमें सफल नहीं हो पाऊंगा, लेकिन धीरे-धीरे मैंने खुद को इस माहौल में ढाल लिया।”
केआईपीजी 2025 में स्वर्ण पदक का सपना साकार हुआ
झंडू कुमार ने पहले खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 में 72 किग्रा श्रेणी में 157 किग्रा वजन के साथ रजत पदक जीता था, लेकिन 2025 के केआईपीजी में उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 206 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कहा, “यह मेरी मेहनत और कोच की प्रेरणा का परिणाम है। इस सफलता से मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला है, और अब मेरा अगला लक्ष्य पैरालंपिक में देश के लिए पदक जीतना है।”
झंडू कुमार का भविष्य: पैरालंपिक का सपना
झंडू का सपना अब पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना और स्वर्ण पदक जीतना है। वह कहते हैं, “मुझे अभी विश्व चैंपियनशिप खेलनी है और फिर पैरालंपिक में भाग लेना है। मैं इसके लिए और भी ज्यादा मेहनत करूंगा। अभी कुछ दिनों के लिए अपने परिवार के पास हरनौत जाऊंगा और फिर वापस गांधीनगर आकर ट्रेनिंग शुरू करूंगा।”
झंडू में है अपार प्रतिभा : कोच
कोच राजिंदर सिंह रहेलू ने झंडू की तारीफ करते हुए कहा, “वह बेहद अनुशासित है, बहुत मेहनत करता है और उसमें शानदार प्रतिभा है। मुझे पहले से ही विश्वास था कि वह इस बार पैरा गेम्स में कुछ खास करेगा। उसने अपने पदक का रंग बदल दिया है, जो उसकी मेहनत और लगन का परिणाम है।”

