Home » कदमा शास्त्रीनगर विवाद में बाबूलाल मरांडी के करीबी भाजपा नेता अभय सिंह को मिली जमानत : फिलहाल जेल में ही रहेंगे, पुलिस ने कुछ और मामलों में दर्ज किया है केस, क्या मिल सकता है राजनीतिक फायदा

कदमा शास्त्रीनगर विवाद में बाबूलाल मरांडी के करीबी भाजपा नेता अभय सिंह को मिली जमानत : फिलहाल जेल में ही रहेंगे, पुलिस ने कुछ और मामलों में दर्ज किया है केस, क्या मिल सकता है राजनीतिक फायदा

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

स्टेट डेस्क, रांची : झारखंड के जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर इलाके में हुए विवाद के मामले में आरोपी बनाये गये भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बेहद करीबी अभय सिंह को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।

सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट से राहत मिलने के बावजूद भाजपा नेता अभय सिंह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे।

अभय सिंह को जुगसलाई पुलिस ने जुगसलाई ग्वाला पट्टी रोड में पथराव करने, रेल चक्का जाम करने तथा गोलचक्कर जाम कर आगजनी करने के मामले में नामजद किया है। जुगसलाई थाना प्रभारी ने जमशेदपुर कोर्ट में अभय सिंह को आरोपी बनाये जाने संबंधी जानकारी लिखित रूप से प्रदान करायी है।

इसके बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में प्रोडक्शन कराया गया। अभय सिंह के जेल जाने के बाद पुलिस लगातार अलग-अलग मामले में कार्रवाई कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो अभय सिंह को जेल में रहने का बड़ा राजनीतिक फायदा मिल सकता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में वह विधायक पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।

कुछ ऐसा था पूरा मामला

जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर इलाके में ब्लॉक नंबर दो में 10 अप्रैल को दो समुदायों के बीच पत्थरबाजी और हंगामा हुआ था। इस दौरान फायरिंग भी की गयी थी। इस उपद्रव को नियंत्रित करने के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।

हालात को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 लगायी गयी थी। रैफ को मोर्चा संभालना पड़ा था। इंटरनेट सेवाएं तक बंद की गयी थीं।

विवाद के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के कुल 119 लोगों के खिलाफ नामजद और 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ कदमा थाने में केस दर्ज किया था। इसी मामले में भाजपा नेता अभय सिंह सहित कई और लोगों को आरोपी बनाया गया था।

इस गिरफ्तारी को लेकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने सबसे पहले आपत्ति जतायी। इसके बाद भाजपा ने मोर्चा संभाला। आंदोलन किया गया। सम्मेलन का आयोजन किया गया। राज्य सरकार और पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने के आराेप लगाया गया। अभय सिंह अप्रैल से अब तक जेल में हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के बेहद करीबी हैं अभय सिंह

अभय सिंह जमशेदपुर में अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों से तेज तर्रार नेता रहे हैं। वह भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का बेहद करीबी माना जाता है। भाजपा से अलग होकर बाबूलाल मरांडी ने जब झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया था तो अभय सिंह भी बाबूलाल मरांडी के साथ चले गये थे। मरांडी ने अभय सिंह को पार्टी का केंद्रीय महासचिव बनाया था।

अभय सिंह ने झाविमो के टिकट पर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली। बाबूलाल मरांडी के दोबारा भाजपा में शामिल होने पर अभय सिंह भी भाजपा में शामिल हो गये। इसके बाद उन्हें धनबाद का प्रभारी बनाया गया था। अभय सिंह की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के तमाम दिग्गत नेता उनसे जेल में जाकर मिले। गिरफ्तारी को गलत करार दिया।

जमशेदपुर पश्चिमी से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार हैं अभय सिंह

अभय सिंह ने जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव लड़ा हैं। हालांकि मौजूदा परिस्थिति में उन्हें भाजपा से जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। जमशेदपुर पूर्वी सीट पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की परंपरागत सीट रही है।

इस कारण पार्टी पूर्वी से उन्हें टिकट नहीं दे सकती, वहीं सरयू राय के भाजपा छोड़ने के बाद जमशेदपुर पश्चिम सीट पूरी तरह खाली है। भाजपा में सर्वाधिक नेताओं की दावेदारी जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर है।

इसमें अभय सिंह की दावेदारी सबसे प्रबल हैं। कदमा शास्त्रीनगर में हुए विवाद के बाद जिस तरह पार्टी उनके साथ खड़ी हुई, उससे उनकी दावेदारी को और मजबूती मिली है। इसके अलावा उन्हें सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वाले नेता के रूप में भी प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है।

एक आइएएस से विवाद के बाद आये थे चर्चा के केंद्र में

अभय सिंह की छवि शुरू से हिंदूवादी नेता की रही है। वह पूर्वी सिंहभूम के तत्कालीन उपायुक्त एवं आइएएस अधिकारी सूरज कुमार के साथ हुए एक विवाद के बाद पूरे प्रदेश में चर्चा के केंद्र में आ गये थे।

दरअसल कोरोना महामारी के बीच काशीडीह मैदान में दुर्गा पूजा के बाद प्रसाद वितरण को लेकर अभय सिंह का सूरज कुमार के साथ विवाद हो गया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

Related Articles