रांची : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने झारखंड सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त राशि होने के बावजूद वह इसका सही तरीके से उपयोग नहीं कर पा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पिछले 11 महीनों में अपनी योजना बजट का केवल 63% हिस्सा खर्च किया है, जबकि 37% राशि अभी भी पड़ी हुई है। यह दर्शाता है कि हेमंत सरकार विकास विरोधी है।
तकनीकी क्षेत्र के प्रति सरकार की उदासीनता
राफिया ने कहा कि यह वित्तीय अराजकता और नाकाम प्रबंधन का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शहरी विकास पर सिर्फ 23%, खाद्य आपूर्ति पर 29%, परिवहन पर 6%, पेयजल और स्वच्छता पर 10% और आईटी विभाग पर मात्र 5% राशि खर्च कर पाई है। आईटी विभाग पर केवल 5% खर्च राज्य की सरकार की नाकामी को उजागर करता है, क्योंकि यह तकनीकी क्षेत्र के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस नाकाम प्रबंधन से जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
स्वच्छता, परिवहन सेवाएं, राशन वितरण और पानी की उपलब्धता जैसे मूलभूत सुविधाओं पर सीधा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण विभागों में खर्च की कमी से जनता को रोजाना की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार के झूठे वादों से थकी जनता
राफिया ने आगे कहा कि जनता अब हेमंत सरकार के झूठे वादों से थक चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने कई योजनाओं का ऐलान तो किया, लेकिन धरातल पर इन योजनाओं का कोई असर नहीं पड़ा। यह केवल कागजी दस्तावेज तक सीमित हैं, और वास्तविक लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। सरकार केवल बयानबाजी करके अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम नहीं उठाए तो झारखंड की विकास दर और जनकल्याण कार्यों में और रुकावट आएगी।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि वे जनता के मुद्दों पर ध्यान दें और सरकारी धन का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि केवल जुमलों से कुछ नहीं होने वाला, सरकार को अपने दायित्वों का पालन करना होगा और जनता को राहत देनी होगी।
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