सेंट्रल डेस्क। भारतीय जनता पार्टी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधायक अबू आज़मी पर मुग़ल सम्राट औरंगजेब को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई। मीडिया से बात करते हुए त्रिवेदी ने एक ऐसे शासक की महिमामंडन करने पर आपत्ति जताई, जिसने अपने भाइयों को मारा और अपने पिता को कैद किया।
त्रिवेदी ने उठाये सवाल
अपने बयान में त्रिवेदी ने औरंगजेब से जुड़ी कुछ ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र किया, जिनमें 6 अप्रैल 1669 को हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश देना शामिल था। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि ऐसे शासक का महिमामंडन क्यों किया जाए?”
उन्होंने कहा, “मैं तीन बातें कहना चाहता हूं… 6 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने हिंदू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया था और 2 सितंबर 1669 को उसका आदेश लागू किया गया… ऐसे शासक की महिमा क्यों गाई जाए? क्या यह छत्रपति शिवाजी महाराज की धरोहर और छत्रपति Sambhaji महाराज के बलिदान का मजाक नहीं है?”
भाइयों को मार डाले, पिता को जेल में डाल दे, उसकी महिमा क्यों?
त्रिवेदी ने औरंगजेब के अपने परिवार के प्रति किए गए कृत्यों की भी आलोचना की और कहा, ऐसे व्यक्ति को जो अपने ही भाइयों को मार डाले और अपने पिता को जेल में डाल दे, उसकी महिमा क्यों की जाए? यह तथाकथित सेक्यूलर पार्टियां मुगलों की महिमा गाने की होड़ में पागल-ए-आज़म बनने की ओर बढ़ रही हैं… मैं यह पूछना चाहता हूं कि आज के भारत से इसका क्या संबंध है… और औरंगजेब का भारतीय भूमि से क्या रिश्ता है और क्यों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस देश में नफरत के बीज बोने का प्रयास कर रही हैं?
शिंदे ने अबू आज़मी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की
इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अबू आज़मी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “उनका बयान गलत है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिन तक यातनाएं दीं। ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना सबसे बड़ा पाप है और इसलिए अबू आज़मी को माफी मांगनी चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया मामला
इससे पहले, महाराष्ट्र पुलिस ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के खिलाफ मुग़ल सम्राट औरंगजेब पर की गई टिप्पणियों को लेकर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। यह मामला शिवसेना सांसद नरेश म्हासके द्वारा की गई शिकायत के आधार पर वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।