रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) घोटाले में सीबीआई ने बड़ा कदम उठाया है। करीब 12 वर्षों की लंबी जांच के बाद, सीबीआई ने जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद सहित 70 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। यह चार्जशीट जेपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में दाखिल की गई है। घोटाले में कई सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ वर्तमान में प्रोन्नति पाकर डीएसपी से एसपी बनकर जिला संभाल रहे हैं।
क्या है जेपीएससी घोटाला?
इस घोटाले में आरोप है कि जेपीएससी के सदस्य और को-आर्डिनेटर के दबाव में 12 परीक्षार्थियों के अंक बढ़ाए गए थे। इसके तहत कई अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में हस्तक्षेप कर उनके नंबर बढ़ाए गए, जबकि कुछ सफल उम्मीदवारों के इंटरव्यू में दिए गए वास्तविक नंबर भी बढ़ा दिए गए। इस मामले की गहन जांच के लिए गुजरात स्थित एक फोरेंसिक लैब में इन कापियों की जांच कराई गई, जो बाद में जांच में महत्वपूर्ण प्रमाण साबित हुई।
चार्जशीट में नामजद आरोपी और आगामी सुनवाई
सीबीआई की ओर से दायर की गई चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद के अलावा कई सदस्य और अधिकारी भी शामिल हैं। आरोपियों में गोपाल प्रसाद सिंह, शांति देवी, राधा गोविंद सिंह नागेश, एलिस उषा रानी सिंह, अरविंद कुमार, एसए खन्ना, बटेश्वर पंडित, कोआर्डिनेटर परमानंद सिंह, अल्बर्ट टोप्पो, एस अहमद और अन्य का नाम प्रमुखता से लिया गया है। इसके अलावा, कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं, जो इस घोटाले के बाद प्रोन्नति प्राप्त कर वर्तमान में एसपी के पद पर कार्यरत हैं।
28 नवंबर को होगी महत्वपूर्ण सुनवाई
इस मामले में आगामी 28 नवंबर को सुनवाई होगी। अदालत में यह सुनवाई इस घोटाले से जुड़े सभी आरोपों पर ध्यान केंद्रित करेगी, और यह तय करेगी कि क्या इन अधिकारियों और जेपीएससी के सदस्यों के खिलाफ आगे कोई कानूनी कार्रवाई की जाए। मामले में शामिल सभी आरोपी अब न्यायिक प्रक्रिया से गुजरेंगे, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही घोटाले में सजा और दंड का मामला आगे बढ़ेगा।