चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में राज्य सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने छह सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। वहीं निलंबित किए गए सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी के स्थान पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी भारती गोरेती मिंज को सिविल सर्जन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
सरकार के संयुक्त सचिव ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं जांच के लिए गठित टीम में विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया है। सदस्यों में निदेशक (प्रमुख-स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. सिद्धार्थ सान्याल, निदेशक (चिकित्सा शिक्षा) डॉ. एसके सिंह, रिम्स की अपर प्राध्यापक एवं प्रभारी रक्त कोष डॉ. सुषमा कुमारी, संयुक्त निदेशक (औषधि), राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय ऋतु सहाय और डब्ल्यूएचओ रांची के एसटीआरएल डॉ अमरेंद्र कुमार शामिल हैं।
जांच कमेटी को चाईबासा स्थित ब्लड बैंक और संबंधित संस्थानों में रक्त संकलन, परीक्षण, भंडारण एवं वितरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया की गहन जांच करने का निर्देश दिया गया है। वहीं राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह की कार्यप्रणाली और त्रुटि पाए जाने पर भी रिपोर्ट मांगी गई है। समिति अभिलेखों, दस्तावेजों एवं उपलब्ध विवरणों का परीक्षण कर सात दिनों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। ब्लड बैंक में गहन जांच से कई चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के इस गंभीर प्रकरण पर अब सबकी निगाहें उच्च स्तरीय जांच समिति पर टिक गई हैं।


