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Traffic Safety Chaibasa : ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार को चाईबासा डीसी-एसपी ने कसी कमर, ‘एक्शन प्लान’ तैयार, टोटो व निजी एंबुलेंस का होगा निबंधन

* पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय में हुई पश्चिनी सिंहभूम जिला सुरक्षा समिति की बैठक...

by Anand Mishra
Traffic Safety Chaibasa
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Chaibasa (Jharkhand) : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में अब सड़कों पर सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सख्ती बरती जाएगी। जिला प्रशासन ने दुर्घटनाओं पर लगाम कसने और यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त (DC) चंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक (SP) अमित रेणु की संयुक्त अध्यक्षता में जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में न केवल सड़क दुर्घटनाओं के भयावह आंकड़ों पर मंथन किया गया, बल्कि भविष्य की रणनीति के लिए कई कड़े और प्रभावी निर्देश जारी किए गए।

सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर चिंता, ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने का निर्देश

बैठक के दौरान, जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) ने सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए। उन्होंने विगत वर्षों के साथ ही वर्ष 2024 और 2025 की तुलनात्मक रिपोर्ट भी पेश की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने इन आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने का कठोर निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन ‘ब्लैक स्पॉट’ का न केवल लोकेशन-आधारित प्रतिवेदन (रिपोर्ट) तैयार किया जाए, बल्कि दुर्घटनाओं के मूल कारणों का भी गहन विश्लेषण कर आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाए।

नियमों के उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई, मुआवजे से वंचित नहीं रहेगा कोई परिवार

सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त चंदन कुमार ने वाहन जांच अभियान को और तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि बार-बार यातायात और सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी न बरती जाए और उन पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारियों (SDOs) को भी सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों की नियमित समीक्षा करने और उसका प्रतिवेदन तैयार करने के निर्देश दिए।

एक मानवीय और संवेदनशील पहल करते हुए, उपायुक्त ने यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि सड़क दुर्घटना से पीड़ित कोई भी परिवार मुआवजे के अधिकार से वंचित न रहे। उन्होंने पिछले दो वर्षों में हुई सभी दुर्घटनाओं का एक समेकित प्रतिवेदन तैयार कर युद्धस्तर पर संबंधित परिवारों तक मुआवजा राशि पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।

पार्किंग स्थल का चयन और निबंधन पर तत्काल ध्यान

बैठक में शहरी ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया। चाईबासा और चक्रधरपुर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में पार्किंग स्थलों का जल्द से जल्द चयन करने और उन्हें विकसित करने का निर्देश दिया गया, ताकि सड़कों पर वाहनों की अवैध पार्किंग से निजात मिल सके।

टोटो का रजिस्ट्रेशन व एंबुलेंस पंजीयन

इसके अतिरिक्त, शहर की परिवहन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे टोटो (ई-रिक्शा) के रजिस्ट्रेशन और निजी एंबुलेंस के निबंधन की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया गया। इन दोनों महत्वपूर्ण बिंदुओं से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन भी आगामी बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित और आपातकालीन सेवाओं को नियंत्रित किया जा सके।

ये थे उपस्थित

इस अहम बैठक में जिले के तीनों अनुमंडल क्षेत्रों के अनुमंडल पदाधिकारी (SDO), जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO), पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सड़क सुरक्षा हितधारक विभाग के संबंधित पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि और गैर सरकारी संगठन/व्यवसायिक संगठन के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। प्रशासन का यह कदम चाईबासा की सड़कों को सुरक्षित और यातायात को अधिक अनुशासित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

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