धर्म डेस्क : चैत्र नवरात्र 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से हो रहा है, जिसमें 9 दिनों तक महादेव की काशी में नव दुर्गा माता के पूजन का महत्व रहेगा। इस बार चैत्र नवरात्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होंगे और पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन-पूजन का महत्व है। बसंत और नए साल की शुरुआत के साथ, 6 अप्रैल को राम नवमी भी मनाई जाएगी। इस दौरान वरुणा नदी के पास स्थित अलईपुर में माता शैलपुत्री के मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिलेगी।
इस साल, चैत्र नवरात्र के दौरान घरों में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से लेकर दोपहर 2 बजे तक रहेगा, यानी कुल आठ घंटे का समय मिलेगा। इस दौरान कलश स्थापना करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
नवरात्रि में ध्यान रखने योग्य बातें:
भोजन के संबंध में: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, व्रत और पारण के बीच में किसी दूसरे के घर भोजन नहीं करना चाहिए। कलश स्थापना के दौरान अगर आप व्रत नहीं रख पाते तो सिर्फ पूजा और आरती करें। वहीं, 6 अप्रैल को राम नवमी के दिन हवन करने के बाद 9 कन्याओं को भोजन कराना चाहिए।
कन्या पूजन: कलश स्थापना के बाद हर दिन 3 से 10 वर्ष की एक कन्या को भोजन कराना उत्तम होता है। अष्टमी और नवमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन का महत्व है।
नवरात्र में अन्य आचार: नवरात्रि में कलश स्थापना के बाद किसी और के घर पका हुआ भोजन न खाएं और जो लोग दुर्गा पाठ नहीं कर पाते, वे कलश स्थापित कर सुबह पूजा और शाम को आरती करें, साथ ही अखंड दीपक जलाएं।
इस साल चैत्र नवरात्र रविवार को पड़ रहे हैं, जिससे व्रति और भक्तों को पूजा करने में सहूलियत होगी। दो साल बाद रविवार को नवरात्र आने से पूजा और अनुष्ठान का समय आसानी से मिल पाएगा।
विंध्याचल के लिए पूजा स्पेशल बसें शुरू
विंध्याचल धाम में माता के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोडवेज वाराणसी द्वारा 70 पूजा स्पेशल बसों का संचालन किया जाएगा। ये बसें 29 मार्च से 6 अप्रैल तक कैंट बस स्टेशन से हर 5-10 मिनट पर चलेंगी, जिससे श्रद्धालुओं को विंध्याचल धाम तक आसानी से पहुंचने का मौका मिलेगा।


