Home » मुश्किल में फंसे, तो शिबू सोरेन और Hemant Soren ने अपने सबसे खास Champai Soren को सौंप दी सत्ता की चाबी

मुश्किल में फंसे, तो शिबू सोरेन और Hemant Soren ने अपने सबसे खास Champai Soren को सौंप दी सत्ता की चाबी

by The Photon News Desk
Champai Soren
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रांची : झारखंड आंदोलन से शिबू सोरेन का साथ दे रहे Champai Soren को आखिरकार मुख्यमंत्री का पद मिलने वाला है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की चर्चा शुरू होते ही JMM ने नए सीएम की तलाश शुरू कर दी। इसमें सबसे पहला नाम कल्पना सोरेन का था और दूसरा चंपई सोरेन का। पार्टी में ही विवाद और अन्य कारणों से कल्पना सोरेन के नाम पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए तय किया गया।

Champai Soren

शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन विश्वास पात्र हैं Champai Soren

सरायकेला के विधायक Champai Soren JMM के अध्यक्ष शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष Hemant Soren के सबसे ज्यादा विश्वासपात्र माने जाते हैं। चंपई सोरेन उन दिनों से शिबू सोरेन के साथ हैं, जब झारखंड आंदोलन अपन ऊफान पर था। चंपई सोरेन सरायकेला विधानसभा सीट से 1991 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद से सिर्फ वो एक बार चुनाव हारे हैं।

शुरुआती दिनों से JMM से जुड़े हैं Champai Soren

चंपई सोरेन ने अपनी राजनीति की शुरुआत झारखंड आंदोलन से की थी। पहली बार उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और फिर 1995 में JMM से चुनाव लड़े। इसके बाद से वो लगातार झामुमो से जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्हें JMM में कई पदों पर रहने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने कभी भी शिबू सोरेन या हेमंत सोरेन का विरोध नहीं किया और हमेशा उससे जुड़े रहे।

Champai Soren को कहा जाता है झारखंड टाइगर

Champai Soren को झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम उन्हें झारखंड आंदोलन में मिला था। वो झारखंड की तरक्की को लेकर हमेशा आगे रहे। साथ ही वो स्थानीय लोगों के बीच भी अपने कार्यों को लेकर काफी फेमस हैं।

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