

RANCHI: झारखंड की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पुलिस द्वारा घर में नजरबंद किए जाने की सूचना के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने प्रशासनिक कार्रवाई को जायज ठहराया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का धर्म है कि वह जनता के साथ खड़ा हो और उनके अधिकारों की रक्षा करे। पार्टी ने स्पष्ट किया कि हेमंत सरकार आदिवासी समाज की जमीन छीनने की साजिश कर रही है, लेकिन भाजपा किसी भी कीमत पर आदिवासियों की एक इंच जमीन भी लूटने नहीं देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों के हक को दबाने की कोशिश कर रही है और भाजपा हर परिस्थिति में उनकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं प्रदेश कांग्रेस महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने चंपाई सोरेन को नजरबंद किए जाने पर कहा कि प्रशासनिक कदम पूरी तरह उचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यक्रम की आड़ में समाज और शहर में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही थी, जिसे रोकना जरूरी था। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि वोट चोरी कर सत्ता हथियाने वाली पार्टी को विकास कार्यों से परेशानी हो रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे लेकिन भाजपा ने उन्हें विपक्ष का नेता तक नहीं चुना। इसी हताशा और फ्रस्ट्रेशन में वह अब विकास को विनाश में बदलने की राजनीति कर रहे हैं।

