नई दिल्लीः छठ पूजा जिसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, अब विदेशों में भी धूम मचाने लगी है। आयरलैंड की राजधानी डबलिन में इस बार छठ पूजा के पहले अनुष्ठान ‘नहाय-खाय’ का आयोजन हुआ, जो इस महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा से जुड़ा हुआ है और नहाय-खाय छठ पूजा की तैयारी का पहला कदम है।
‘नहाय-खाय’ का मतलब होता है साफ-सफाई और खाने का अनुष्ठान। इस दिन, छठ व्रती अपनी शुद्धता बनाए रखने के लिए स्नान करते हैं और फिर शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं। आयरलैंड में रहने वाले भारतीय समुदाय ने इस दिन को पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाया। नहाय-खाय के दिन व्रती विशेष रूप से अरवा चावल, कद्दू की सब्जी, चने की दाल, और चटनी का सेवन करते हैं, जो इस दिन के पारंपरिक भोजन हैं।
डबलिन में आयोजित इस अनुष्ठान में स्थानीय भारतीय परिवारों ने एकत्र होकर इस पर्व की पवित्रता का पालन किया। आयोजन स्थल को साफ और शुद्ध रखने की कोशिश की गई, ताकि पूरे वातावरण में पवित्रता और ताजगी बनी रहे। आयरलैंड जैसे विदेशी देश में, जहां हिंदू समुदाय सीमित है, इस तरह के आयोजनों का महत्व बहुत बढ़ जाता है। यह भारतीय संस्कृति को जीवित रखने और आने वाली पीढ़ियों को इसकी महत्ता समझाने का एक शानदार तरीका है।
इस दिन के आयोजन में श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे से मिलकर आशीर्वाद लिया और सूर्य देवता के लिए पूजा अर्चना की। विशेष रूप से व्रती महिलाएं, इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण मानती हैं, क्योंकि यह उनके संतान सुख और पारिवारिक खुशहाली के लिए एक शुभ शुरुआत मानी जाती है। डबलिन में इस आयोजन को देखकर यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय संस्कृति और पर्व विदेशों में भी उसी उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे हैं।
‘नहाय-खाय’ के बाद अगले दिन से व्रती उपवास रखकर सूर्य देवता की पूजा करेंगे, जो इस महापर्व की सबसे महत्वपूर्ण और कठिन प्रक्रिया है। आयरलैंड में छठ पूजा का यह उत्सव एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे भारतीय संस्कृति, भाषा और परंपराएं विदेशों में भी रचनात्मकता और श्रद्धा के साथ संरक्षित की जा रही हैं।
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