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छत्तीसगढ़: रायपुर में 13 साल के नाबालिग ने की 3 साल की मासूम से रेप की वारदात, इलाके में फैली सनसनी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 13 वर्षीय नाबालिग द्वारा 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना ने समाज को झकझोर दिया है; आरोपी को बाल सुधार गृह भेजा गया है।

by Neha Verma
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रायपुर: छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। पंडरी थाना क्षेत्र में 13 वर्षीय एक नाबालिग लड़के द्वारा अपने ही पड़ोस में रहने वाली 3 साल की मासूम बच्ची से बलात्कार का मामला सामने आया है। यह मामला न केवल सामाजिक चेतना को झकझोरता है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि आज के समय में बच्चे कितने असुरक्षित हैं, भले ही वह अपने ही मोहल्ले में क्यों न हों।

चॉकलेट का लालच देकर बुलाया

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह घटना सोमवार (14 अप्रैल 2025) की दोपहर को हुई जब मासूम बच्ची खेलने के लिए अपने घर के पास ही गई थी। उसी दौरान 13 वर्षीय नाबालिग लड़के ने बच्ची को चॉकलेट देने का लालच देकर अपने घर बुलाया। जब बच्ची उसके घर पहुंची, तब आरोपी ने उसके साथ गलत हरकत की और उसका यौन शोषण किया।

पुलिस का कहना है कि घटना के समय आरोपी के घर में कोई अन्य मौजूद नहीं था। वारदात के बाद जब बच्ची जोर-जोर से रोने लगी तो आरोपी घबरा गया और उसे उसके घर के बाहर छोड़कर वापस अंदर चला गया।

मां को बताई आपबीती

जब बच्ची रोते हुए घर पहुंची तो उसकी मां ने उससे रोने का कारण पूछा। शुरुआत में बच्ची घबराई हुई थी, लेकिन मां के बार-बार पूछने पर उसने आपबीती बताई। परिजनों ने तुरंत बच्ची को लेकर पंडरी थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी बच्चे को हिरासत में ले लिया और बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत मामला दर्ज किया गया।

मेडिकल जांच में पुष्टि, बच्ची की हालत स्थिर

पुलिस ने बच्ची को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा। डॉक्टर्स की टीम ने पुष्टि की कि बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है। हालांकि फिलहाल उसकी शारीरिक स्थिति स्थिर बताई जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने बच्ची की काउंसलिंग और चिकित्सकीय देखभाल की व्यवस्था की है।

बाल सुधार गृह भेजा गया आरोपी

13 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया गया। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू की गहन जांच की जा रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं आरोपी खुद किसी तरह के मानसिक या सामाजिक उत्पीड़न का शिकार तो नहीं रहा है, जिससे उसका व्यवहार विकृत हुआ हो।

इलाके में दहशत और गुस्सा

घटना की खबर जैसे ही मोहल्ले में फैली, लोगों में आक्रोश फैल गया। पड़ोसियों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ऐसा घिनौना अपराध एक बच्चे द्वारा किया जाएगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और बच्चों के मानसिक विकास और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बीते दिनों दुर्ग में भी हुआ था ऐसा ही मामला

यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में इस तरह की वारदात हुई है। इसी महीने 6 अप्रैल को पड़ोसी जिले दुर्ग में छह साल की एक बच्ची के साथ उसके ही रिश्तेदार ने बलात्कार कर हत्या कर दी थी। उस घटना के बाद लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया था और आरोपी को फांसी देने की मांग की थी। रायपुर की यह नई घटना उसी कड़ी में एक और भयावह उदाहरण बन गई है।


इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर बच्चों की मानसिकता इतनी विकृत क्यों होती जा रही है? क्या सोशल मीडिया, अश्लील कंटेंट, या घरेलू माहौल इसका कारण बन रहे हैं? साथ ही यह भी जरूरी है कि अभिभावक बच्चों के व्यवहार पर सतर्क नजर रखें और उन्हें उचित शिक्षा व संवेदनशीलता की सीख दें।

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