मुजफ्फरपुर: भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल आतंकियों को जवाब दिया, बल्कि देशवासियों के दिलों में देशभक्ति की भावना भी और प्रबल कर दी। इसी बीच मुजफ्फरपुर जिले से एक बेहद भावुक और प्रेरणादायक खबर सामने आई है। ऑपरेशन सिंदूर के दिन जन्मे कई नवजात शिशुओं के माता-पिता ने अपने बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ रखने का निर्णय लिया है।
‘सिंदूर’ बना गर्व और देशभक्ति का प्रतीक
कन्हारा गांव के हिमांशु राज ने अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूरी’ रखा और कहा कि वह हर साल बेटी के जन्मदिन के साथ ऑपरेशन सिंदूर का उत्सव भी मनाएंगे। उनका कहना है कि यह नाम केवल एक शब्द नहीं, बल्कि भारतीय सेना की वीरता और राष्ट्र के प्रति सम्मान का प्रतीक है। जिस दिन सेना ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया, उसी दिन हमारी बेटी का जन्म हुआ। यह संयोग हमारे जीवन का गौरव है।” – हिमांशु राज, कन्हारा निवासी
केजरीवाल अस्पताल में दर्जनों बच्चों को मिला ‘सिंदूर’ नाम
मुजफ्फरपुर के केजरीवाल शिशु अस्पताल में दो दिनों में 12 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ। नवजात शिशु विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ के अनुसार, इन बच्चों के परिजनों ने देश के प्रति प्रेम दर्शाते हुए अपने बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ रखा है। अब लोग हीरो-हीरोइन नहीं, बल्कि देश और सेना के सम्मान में बच्चों का नाम रख रहे हैं। यह बदलाव सराहनीय है।”– डॉ. सिद्धार्थ, KDKM अस्पताल
🧒 देशभक्ति की प्रेरणा बनेगा नाम ‘सिंदूर’
जाफरपुर निवासी पवन सोनी, जिनके पुत्र का जन्म ऑपरेशन सिंदूर के दिन हुआ, उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को देशभक्ति की प्रेरणा देने के लिए यह नाम चुना है। “हम चाहते हैं कि हमारा बेटा बड़ा होकर भारतीय सेना में अफसर बने। ‘सिंदूर’ सिर्फ नाम नहीं, एक जज़्बा है देश के लिए कुछ कर गुजरने का।”
‘सिंदूर’ नाम का संदेश: वीरता, गर्व और राष्ट्रीयता
मुजफ्फरपुर के परिवारों ने यह साफ कर दिया है कि ‘सिंदूर’ अब केवल एक नाम नहीं, बल्कि देशभक्ति का प्रतीक बन गया है। इस ऐतिहासिक दिन की स्मृति में बच्चों को यह नाम देकर उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को जनमानस में अमर कर दिया है।