पटना : जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 करीब आ रहा है, बिहार में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान के बयान पर कहा “अगर चिराग अपनी मां को हाजीपुर से चुनाव लड़ाएगा तो हम भी चिराग पासवान के जमुई से किसी परिवार के सदस्य (बहन और मां) को चुनाव लड़ा देंगे।” हाजीपुर सीट से 2024 के चुनाव में अगर उनकी मां लड़ती हैं तो राह आसान हो जाएगी। दरअसल, पशुपति कुमार पारस शुक्रवार (13 अक्टूबर) को अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे थे। जहां मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया। पारस ने कहा कि- चिराग पासवान एनडीए में हैं तो बात मानें नहीं तो बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर लड़ें।
बोले पारस- कोई टक्कर नहीं होनेवाली, मैं हाजीपुर से ही लड़ूंगा
इस दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि अगर आपके भतीजे चिराग अपनी मां को हाजीपुर से चुनाव लड़ाएंगे तो इसके जवाब में पारस ने कहा कि – “एक बात जान लीजिए कि कोई टक्कर नहीं होने वाली है। एनडीए के हम स्थायी सदस्य हैं। कल वो आदमी एनडीए में रहेगा या नहीं रहेगा इसकी भी गारंटी नहीं है। मैं हाजीपुर से लड़ूंगा दर्जनों बार कह चुका हूं। इसके बाद जिसको जहां से लड़ना है, ताकत आजमाइश करना है कर ले।” पशुपति कुमार पारस ने कहा कि- सब कोई स्वतंत्र है। जब तुम हाजीपुर से अपनी मां को लड़वा सकते हो तो हम भी जमुई से किसी को लड़वा सकते हैं। उसी (चिराग पासवान) के परिवार से किसी को लड़वा देंगे। उसी की मां या बहन को लड़वा देंगे।
आखिर किसी तरफ था पारस का इशारा?
पशुपति कुमार पारस का यह इशारा चिराग की बड़ी मां और बहन की तरफ था। रामविलास पासवान ने दो शादियां की है। पहली पत्नी का नाम राजकुमारी है। पासवान की पहली पत्नी घर पर रहती हैं और उनके एक बेटी भी है। आपको बताते चलें कि, इससे पहले बीते गुरुवार को ही पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग ने कहा था कि समय आने पर उनके चाचा पशुपति पारस हट जाएंगे। लेकिन अब एक बार फिर पशुपति पारस के बयान से ऐसा लग रहा है कि चाचा-भतीजा में कांटे की टक्कर जारी है।
चाचा-भतीजे की बीच जारी है जंग
चिराग अपने पिता व लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) के संस्थापक रामविलास पासवान की विरासत को अपने कब्जे में लेना चाहते हैं। मगर उनके चाचा इसमें दखल दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आखिरी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व हाजीपुर को किसके पाले में डालती है। पशुपति पारस के हाल में दिये गये बयान से लगता हैं कि चाचा और भतीजे के बीच जंग अभी जारी है क्योंकि पशुपति पारस किसी भी हालत में हाजीपुर की सीट देना नहीं चाहते हैं।
READ ALSO : राजस्थान : टिकट से वंचित कई नेताओं के समर्थकों का भाजपा कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन जारी