रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भेजे गए समन की अवहेलना मामले में झारखंड हाई कोर्ट से चार सप्ताह का समय मिला है। यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री ने याचिका दायर की थी कि समन की अवहेलना मामले को निरस्त किया जाए। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान, हेमंत सोरेन की ओर से अदालत से आग्रह किया गया कि उन्हें ईडी के जवाब (प्रतिशपथ पत्र) पर प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय दिया जाए।
हेमंत सोरेन की याचिका पर हाई कोर्ट का निर्णय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि ईडी के द्वारा भेजे गए समन का उन्होंने पहले ही जवाब दिया था और वह समन अब निष्क्रिय हो चुका था। इसके बाद, जब नया समन जारी हुआ, तब हेमंत सोरेन ने ईडी के समक्ष हाजिरी दी और समन का अनुपालन किया। मुख्यमंत्री का कहना था कि ईडी ने दुर्भावना से प्रेरित होकर बार-बार समन जारी किया।
ईडी की शिकायत पर सीजेएम कोर्ट का आदेश
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन की अवहेलना को लेकर शिकायत दाखिल की थी। इस शिकायत पर सीजेएम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था। हालांकि, हेमंत सोरेन चार तिथियों पर सीजेएम कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन हेमंत सोरेन एमपी-एमएलए कोर्ट में भी कई तिथियों पर उपस्थित नहीं हुए थे।
व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का पिटीशन खारिज
एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल की गई व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की पिटीशन को खारिज कर दिया। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कुल 10 समन भेजे थे, जिनमें से मुख्यमंत्री केवल दो समन पर ही अदालत में उपस्थित हुए थे।
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