धनबाद : धनबाद के जीटी रोड पर गाय तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है, जहां इस अवैध कारोबार में भारी पैसों का लेन-देन हो रहा है। तस्कर, तोपचांची से मैथन के बंगाल बॉर्डर तक 70 किलोमीटर की दूरी के लिए प्रति किलोमीटर 1.55 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान कर रहे हैं। इसका मतलब है कि हर महीने इस पूरे रूट पर 1.08 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। यह पैसा उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो इस अवैध धंधे में रुकावट बन सकते हैं।
तस्करी के लिए मोटी रकम का लेन-देन
इस अवैध कारोबार में दो तरह से भुगतान किया जाता है—मासिक और दैनिक। मासिक भुगतान बड़े मुलाजिमों को किया जाता है। दैनिक भुगतान उन लोगों को दिया जाता है जो सड़कों पर तैनात रहते हैं। हर 1 किलोमीटर के लिए रोजाना 5100 रुपये खर्च किए जाते हैं।
क्षेत्रवार भुगतान का ब्योरा
हरिहरपुर थाना: मधूपुर बाजार से चलकरी मोड़ तक 2.5 लाख रुपये
तोपचांची: चलकरी मोड़ से दयाबाद पहाड़ पुल तक 3 लाख रुपये
राजगंज: महतोटांड पुल से खरनी मोड़ ओवरब्रिज तक 2.5 लाख रुपये
बरवाअड्डा: खरनी ओवरब्रिज से भीतिया कांड्रा तक 3 लाख रुपये
गोविंदपुर: कांड्रा से बरवा पूर्व तक 4 लाख रुपये
नरिसा: बरवा पूर्व से मुग्मा एरिया ऑफिस तक 5 लाख रुपये
गलफरबाड़ी ओपी: मुग्मा एरिया ऑफिस से महुलबना बस्ती तक 2.5 लाख रुपये
मैथन ओपी: महुलबना बस्ती से बंगाल बॉर्डर तक 5 लाख रुपये
निरसा क्षेत्र के बड़े मुलाजिमों को 6.5 लाख रुपये
पशु क्रूरता रोकने के नाम पर 22 लाख रुपये प्रति माह
उच्च अधिकारियों को 40 लाख रुपये प्रति माह
जीटी रोड पर तैनात लोगों को प्रत्येक वाहन के लिए 300 रुपये
हर दिन औसतन 15 गाड़ियां पार करती हैं
बॉर्डरइस रूट पर गो-तस्करी के लिए कंटेनर, ट्रक, पिकअप और अन्य वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है। हर दिन करीब 15 गाड़ियां इस रास्ते से गुजरती हैं। मवेशियों की संख्या के आधार पर वाहनों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है।
धनबाद-गिरिडीह सीमा पर पकड़ा गया कंटेनर
शुक्रवार तड़के सुबह धनबाद-गिरिडीह सीमा पर एक गोवंश लदा कंटेनर पकड़ा गया। इसमें मवेशियों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। कंटेनर पर “डाक पार्सल” लिखा हुआ था, ताकि संदेह न हो। गिरिडीह के निमियाघाट थाना पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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