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सीएसआईआर-एनएमएल ने दिल्ली की नोवासेंसा को दी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड की रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर : दिल्ली स्थित कंपनी मेसर्स नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (NML) के साथ ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण करार (MoU) किया है। इस करार के तहत, वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCBs) से कॉपर, अल्यूमिनियम और गोल्ड जैसे कीमती धातुओं का पुनर्चक्रण करने के लिए तकनीकी हस्तांतरण किया गया है।

नई तकनीक से ई-कचरे का समाधान


गुरुवार, 21 नवंबर को, इस तकनीकी हस्तांतरण का एक प्रयोगशाला स्तर पर डेमो किया गया। एनएमएल के विशेषज्ञों ने वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCBs) से कीमती धातुओं का निष्कर्षण प्रदर्शित किया। यह तकनीक पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है और इसके माध्यम से न केवल ई-कचरे का प्रभावी ढंग से निपटान किया जाएगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड अब इस तकनीक का उपयोग कर अपने व्यवसायिक स्तर पर इसे लागू करने की तैयारी में है। इसके जरिए वे वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड से कॉपर, गोल्ड और अल्यूमिनियम जैसे बहुमूल्य धातुओं का निष्कर्षण करेंगे, जिससे ई-कचड़ा कम होगा और पर्यावरण में सुधार होगा।

एनएमएल की तकनीकी पहल


एनएमएल पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को ई-कचरे के पुनर्चक्रण के लिए तकनीकी हस्तांतरण कर चुका है। इस नई तकनीक में, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स को पहले प्री-ट्रीटमेंट और फिजिकल बेनीफिसिएशन पद्धतियों से उपचारित किया जाता है। इसके बाद, हैड्रोमेटलर्जी पद्धति का इस्तेमाल कर गोल्ड, कॉपर और अल्यूमिनियम को निकाला जाता है, जिसे फिर विभिन्न उद्योगों की जरूरत के अनुसार मेटल साल्ट या मेटल उत्पादन के रूप में रूपांतरित किया जाता है।

हम ई-कचरा मुक्त भारत बनायेंगे : डॉ. संदीप घोष चौधरी


इस अवसर पर एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कहा, “एनएमएल ने हाल के वर्षों में कई स्वदेशी तकनीकों का हस्तांतरण किया है और भविष्य में हम ई-कचरा मुक्त भारत बनाने के लिए और अधिक प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करेंगे।” मेसर्स नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ असीम त्रिवेदी ने इस पहल को लेकर खुशी व्यक्त की और कहा, “हम इस तकनीक का उपयोग कर देश में इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तकनीक की मदद से हम प्रदूषण मुक्त समाज और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में योगदान देंगे।”

ई-कचरा दुनिया में एक बढ़ती समस्या बन चुका है, जो प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहा है। सीएसआईआर-एनएमएल की तकनीक इस समस्या का एक कारगर समाधान साबित हो सकती है। यह तकनीक ना केवल प्रदूषण को नियंत्रित करेगी, बल्कि इससे रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।

एनएमएल के द्वारा विकसित की गई यह तकनीक, अन्य देशों की तरह भारत में भी वेस्ट प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स (PCBs) के पुनर्चक्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे धातु कीमती धातुओं का उत्पादन हो सकेगा और असंगठित इकाइयां कचरा उठाव व निष्पादन में मदद पा सकेंगी।

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