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झारखंड में सिर कटी लाश मामले का खुलासा: रुपयों की लेन-देन में की गई थी दंपती की हत्या

by Rohit Kumar
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  • पूर्व में आजीवन कारावास पूरी कर जेल से निकला था आरोपी
  • मृतक और आरोपी के बीच जेल में हुई थी दोस्ती

चक्रधरपुर : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर और मुफस्सिल थाना क्षेत्र में 20 और 22 दिसंबर को मिले सिर कटी लाशों के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। 20 दिसंबर को चक्रधरपुर में पुरुष की सिर कटी लाश बरामद की गई थी जबकि दो दिनों बाद 22 दिसंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र में महिला का शव बरामद किया गया था।

मृतकों की पहचान हजारीबाग जिले के कोर्रा निवासी पूर्व सैनिक निर्मल एक्का और उनकी पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी के रूप में हुई। घटना के 48 घंटों के भीतर पुलिस ने तीन आरोपियों रामराई सुरीन, मंगता सुरीन, और बुधन सिंह सवैयां को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद की गई। मंगलवार को एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस वार्ता कर मामले का खुलासा किया।

जेल में हुई थी आरोपी और मृतक की पहचान

एसपी के अनुसार, पूर्व सैनिक निर्मल एक्का हजारीबाग जेल में गार्ड के रूप में तैनात थे। वहीं, मुख्य आरोपी रामराई सुरीन हत्या के मामले में उसी जेल में सजा काट रहा था। दोनों की पहचान जेल में ही हुई। निर्मल ने 2021 से रामराई से 5.50 लाख रुपये उधार लिए थे। जब पैसे लौटाने में असमर्थ रहे, तो उन्होंने अपनी कार देने की पेशकश की। जेल से रिहा होने के बाद रामराई ने कार ले ली।

कार खराब होने पर बढ़ा विवाद

रामराई ने बताया कि कार में खराबी थी, जिससे दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पैसे मांगने पर निर्मल ने कार वापस लौटाने को कहा। इसी विवाद के बीच 17 दिसंबर को निर्मल अपनी पत्नी रश्मि के साथ चक्रधरपुर पहुंचे, जहां रामराई ने उन्हें रिसीव किया और अपने साथी के घर पर रुकने को कहा।

हत्या कर शव को जंगल में फेंका

19 दिसंबर को रामराई ने निर्मल और रश्मि को चक्रधरपुर छोड़ने का बहाना बनाया और उन्हें जंगल ले गया। वहां अपने साथियों के साथ मिलकर निर्मल की हत्या कर सिर को धड़ से अलग कर दिया। धड़ को जंगल में फेंक दिया गया और सिर को पत्थरों के नीचे छिपा दिया। अगले दिन 20 दिसंबर को रश्मि की भी हत्या कर दी गई।

हजारीबाग में दर्ज कराई गई थी गुमशुदगी

निर्मल के परिजनों ने हजारीबाग में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिजनों ने बताया कि 17 दिसंबर तक दोनों से बात हो रही थी, लेकिन 19 दिसंबर के बाद फोन बंद हो गया। पुलिस ने शवों की पहचान और तकनीकी जांच के जरिए आरोपियों तक पहुंच बनाई।

आरोपी रामराई का रहा है आपराधिक इतिहास

रामराई सुरीन का आपराधिक इतिहास है। वह 2012 में सोनुआ में एक हत्या के मामले में सजा काट रहा था। 2019 में घाघीडीह जेल में हुए मनोज सिंह हत्याकांड में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया।

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