नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का बहुप्रतीक्षित बजट सत्र सोमवार, 24 मार्च से शुरू हो रहा है। यह सत्र 28 मार्च तक चलेगा, हालांकि यदि आवश्यक हुआ तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है। इस सत्र का पहला दिन खास होगा, क्योंकि उस दिन दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के वित्तीय प्रबंधन और कार्यप्रणाली पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी।
तीसरी बार पेश की जाएगी CAG की रिपोर्ट
यह तीसरी बार होगा जब दिल्ली परिवहन निगम पर कैग की रिपोर्ट पेश की जाएगी। रिपोर्ट में डीटीसी के वित्तीय मामलों, खर्चों, आय और प्रबंधन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला जाएगा। दिल्ली के परिवहन सेवा में सुधार के लिए यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि डीटीसी दिल्लीवासियों के लिए परिवहन का प्रमुख साधन है।
वित्त वर्ष 2025-26 का बजट होगा पेश
इस सत्र में सबसे अहम कार्य 2025-26 के लिए वार्षिक बजट पेश करना होगा। दिल्ली सरकार के इस बजट में विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए आवंटित राशि पर चर्चा की जाएगी। सरकार के लिए यह बजट दिल्ली के नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रगति और सुधार के मार्ग को दर्शाएगा। दिल्ली सरकार ने इस बार के बजट में खास तौर पर दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन, स्वास्थ्य, और शिक्षा क्षेत्रों में सुधार करने की योजना बनाई है।
26 मार्च को होगी बजट पर आम चर्चा
इस सत्र के दूसरे दिन यानी 26 मार्च को विधानसभा में बजट पर आम चर्चा होगी। इस चर्चा में विधायकों को अपनी राय रखने का अवसर मिलेगा और वे विभिन्न पहलुओं पर सवाल उठा सकते हैं। यह चर्चा दिल्ली सरकार के विकासात्मक और योजनात्मक दृष्टिकोण को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिसमें वे विभिन्न योजनाओं और आवंटन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
27 मार्च को बजट को मिलेगी मंजूरी
सत्र के तीसरे दिन यानी 27 मार्च को विधानसभा में बजट पर मतदान होगा और इसे औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाएगी। बजट को मंजूरी मिलने के बाद यह दिल्ली सरकार के लिए लागू हो जाएगा और इससे संबंधित योजनाओं की शुरुआत की जा सकेगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा क्योंकि इससे दिल्ली में सरकार की विकासात्मक योजनाओं का रोडमैप स्पष्ट हो जाएगा।
28 मार्च को निजी विधेयकों और संकल्पों पर चर्चा
सत्र के आखिरी दिन, 28 मार्च को निजी विधेयकों और संकल्पों पर चर्चा होगी। विधायकों को इस दिन अपनी व्यक्तिगत पहल पर चर्चा करने और महत्वपूर्ण मामलों पर संकल्प प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। यह दिन विधानसभा के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह दिखाएगा कि दिल्ली के विधायक अपनी जनता के मुद्दों पर कितने गंभीर हैं और उन्हें सुलझाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।


