नई दिल्ली : ईद के मद्देनज़र, सड़कों पर नमाज़ अदा करने को लेकर एक राजनीतिक बहस छिड़ गई है। दिल्ली के विधायक करनैल सिंह ने इस प्रथा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है, उनका कहना है कि इससे यातायात में बाधा और सार्वजनिक असुविधा होती है।
उनका यह बयान उस समय आया है, जब विभिन्न शहरों में प्रशासन ईद के नमाज को सड़कों पर अदा करने और मस्जिदों में लाउड स्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध को लेकर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। संभल (उत्तर प्रदेश) में अधिकारियों ने सड़कों पर नमाज़ अदा करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है, वहीं मेरठ पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ के लिए जमावड़े को लेकर चेतावनी जारी की है।
सांप्रदायिक तनाव से बचें
यह मुद्दा राजनीतिक प्रतिक्रिया का कारण बन गया है, जिसमें नेता धार्मिक स्वतंत्रता और कानून व्यवस्था के उपायों को लेकर विभाजित हैं। अधिकारियों का कहना है कि नमाज़ को निर्धारित स्थानों पर अदा किया जाना चाहिए, ताकि व्यवस्था बनाए रखी जा सके और साम्प्रदायिक तनाव से बचा जा सके। पिछले वर्षों में भी अन्य राज्यों में इस प्रकार की पाबंदियां लगाई गई थीं, जिससे कानूनी और राजनीतिक बहसें उत्पन्न हुई थीं।
प्रशासन ने की धार्मिक नेताओं से अपील
ईद नजदीक आने के साथ, सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क हैं। प्रशासन ने धार्मिक नेताओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन सुनिश्चित करें और अनावश्यक टकराव से बचें। स्थिति संवेदनशील बनी हुई है और जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहे हैं, प्रशासन चौकन्ना हो रहा है।