Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के महान जननायक, आदिवासी समाज के अग्रणी नेता और झारखंड आंदोलन की बुलंद आवाज रहे ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंद्र सरकार से यह आग्रह किया है।
शिबू सोरेन सिर्फ राजनेता नहीं, बल्कि करोड़ों आदिवासियों की उम्मीद थे
मंत्री इरफान अंसारी ने अपने बयान में कहा कि शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक सच्चे आंदोलनकारी, जननायक और करोड़ों आदिवासियों की उम्मीद थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन जल, जंगल और जमीन की रक्षा को समर्पित कर दिया था। अंसारी ने कहा कि शिबू सोरेन ने न सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना कर सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा दी, बल्कि झारखंड राज्य की मांग को राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर इस प्रदेश को अस्तित्व में लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत रत्न सिर्फ एक पदक नहीं है, बल्कि यह उस ऐतिहासिक संघर्ष की मान्यता है, जिसने लाखों लोगों को उनके अधिकार, सम्मान और पहचान दिलाई।
सम्मान से पूरे झारखंड की अस्मिता का सम्मान होगा
मंत्री ने कहा कि दिशोम गुरु का जीवन आदिवासी चेतना, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना केवल झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अंसारी ने कहा कि यह फैसला उनके संघर्षशील जीवन और विरासत को ससम्मान राष्ट्र को सौंपने जैसा होगा।