देवरिया : बकरीद के पावन अवसर पर देवरिया जनपद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में 60 वर्षीय ईश मोहम्मद नामक बुजुर्ग ने कथित रूप से ‘खुद की कुर्बानी’ देकर जान दे दी। उन्होंने पहले मस्जिद में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज अदा की और उसके बाद अपने घर लौटकर झोपड़ी में जाकर खुद का गला चाकू से रेत लिया।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह ईश मोहम्मद मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद करीब 10 बजे घर पहुंचे। कुछ देर बाद वह अपनी झोपड़ी में आराम करने चले गए। करीब एक घंटे बाद पत्नी को झोपड़ी से कराहने की आवाज सुनाई दी। जब वह अंदर पहुंची, तो देखा कि ईश मोहम्मद अपने गले को बकरे काटने वाले चाकू से काट चुके थे और लहूलुहान हालत में तड़प रहे थे।
परिजनों ने शोर मचाया तो ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी गई। पहले देवरिया मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, फिर हालत गंभीर होने पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां देर शाम इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
क्या था चिट्ठी में लिखा?
ईश मोहम्मद ने घटना से पहले एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था “इंसान बकरे को अपने बच्चे की तरह पालकर कुर्बानी देता है, जबकि वह भी एक जीव है। इसलिए मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम पर दे रहा हूं। मुझे किसी ने कत्ल नहीं किया है, मेरी मिट्टी को सकून से देना।”
इस पत्र के आधार पर पुलिस इसे एक धार्मिक आस्था और अंधविश्वास से प्रेरित आत्महत्या मान रही है। साथ ही मामले की जांच जारी है।
धार्मिक मान्यता या अंधविश्वास?
थानाध्यक्ष नंदा प्रसाद ने बताया कि ईश मोहम्मद मजहबी आस्था के व्यक्ति थे और अक्सर एकांत में इबादत करते थे। वह किछौछा स्थित सुल्तान सैयद मखदूम अशरफ शाह की दरगाह से लौटे थे। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं किसी मानसिक परेशानी का पहलू भी तो नहीं था।
परिवार में मचा कोहराम
ईश मोहम्मद के परिवार में पत्नी हजरा खातून, तीन बेटे अहमद अंसारी, मोहम्मद फैज और ताज मोहम्मद तथा बहुएं हैं। उनकी मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। गांव में भी मातम पसरा हुआ है।
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