रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता की पत्नी शिखा गुप्ता के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की वैधता पर सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया।
पूर्व में इस याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में यह दावा किया गया था कि शिखा गुप्ता के इतिहास विषय में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) डिग्री से संबंधित सर्टिफिकेट के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से उठाए गए मुद्दे
प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि जब अनुराग गुप्ता गया में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पद पर कार्यरत थे, तब उनकी पत्नी के शैक्षणिक प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठे थे। इस संबंध में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी, लेकिन उस पर कोई स्वीकृति नहीं दी गई और न ही जांच को आगे बढ़ाया गया। इसके पश्चात अनुराग गुप्ता का कैडर झारखंड स्थानांतरित हो गया, जबकि याचिकाकर्ता का आरोप है कि पूरे मामले की गहन जांच अब तक नहीं की गई। इसलिए मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की गई थी।
हाई कोर्ट ने जनहित याचिका को बताया अव्यवस्थित
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद यह स्पष्ट किया कि इस मामले में सीबीआई जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने जनहित याचिका को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया।