Dhanbad News : रेलवे की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बानगी धनबाद के रेलवे अस्पताल में सामने आई है, जिसे जानकर आप हैरान भी होंगे और शर्मिंदा भी। अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के ऑपरेशन थिएटर में डॉ. पीआर ठाकुर एक मरीज का ऑपरेशन कर रहे थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन तभी अचानक ऑपरेशन थिएटर की फॉल्स सीलिंग का एक हिस्सा तेज आवाज के साथ टूटकर नीचे गिर पड़ा। बुधवार को डीआरएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

सिर्फ सीलिंग ही नहीं, उसके साथ एक कुत्ता भी सीधे थिएटर के अंदर गिर गया। यह देखकर वहां मौजूद डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ स्तब्ध रह गए। गिरते हुए मलबे से ऑपरेशन में मदद कर रही स्टाफ नर्स अंजलि घायल हो गईं। उनके कंधे और गर्दन में चोट आई है।
घटना के तुरंत बाद ऑपरेशन रोक दिया गया और मरीज को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। घायल नर्स अंजलि का इलाज शुरू किया गया। हालांकि इस हादसे ने अस्पताल की अव्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है।
बताया गया कि यह ओटी हाल ही में मरम्मत के बाद फिर से चालू हुआ था। बावजूद इसके फॉल्स सीलिंग इतनी कमजोर निकली कि छत से गिरा कुत्ता सीधे थिएटर के भीतर आ गिरा।
स्थानीय स्टाफ के अनुसार, ओटी की फॉल्स सीलिंग के ऊपर लंबे समय से कुत्तों का बसेरा था। पुराना भवन होने के कारण वेंटिलेशन के रास्ते जानवर अंदर घुस जाते हैं। दीवार के पास पड़े कचरे की मदद से कुत्ता ऊपर चढ़ गया और फॉल्स सीलिंग में जगह बना ली। संभावना जताई जा रही है कि वहां कुत्ते के बच्चे भी मौजूद हैं।
हादसे की जानकारी इंजीनियरिंग विभाग को दे दी गई है, लेकिन चार घंटे बीत जाने के बाद भी कोई इंजीनियर मौके पर नहीं पहुंचा। इससे डॉक्टरों और कर्मचारियों में नाराजगी है और मरीजों में डर।
ध्यान देने वाली बात यह है कि धनबाद मंडल रेलवे अस्पताल की स्थापना को इस साल सौ वर्ष पूरे हो गए हैं। एक समय इस अस्पताल की गिनती देश के बेहतरीन रेलवे अस्पतालों में होती थी। लेकिन, आज हालात यह हैं कि यहां पीने के लिए आरओ पानी तक उपलब्ध नहीं है। बारिश के दिनों में कई जगहों से पानी टपकता है। दवाओं की कमी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की अनुपलब्धता आम बात हो गई है।
यहां आने वाले मरीजों का कहना है कि ज़रा भी गंभीर मामला हो तो उन्हें बिना इलाज के ‘रेफर’ कर दिया जाता है।
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