सेंट्रल डेस्क/Doctor Prescription: अक्सर डॉक्टरों की ओर से लिखे गए प्रिस्क्रिप्शन को आम लोगों के लिए पढ़ना मुश्किल होता है। उनकी राइटिंग को यो तो डॉक्टर खुद पढ़ पाते हैं या मेडिकल स्टोर वाले पढ़ पाते हैं। अगर कोई यह जानना चाहे कि डॉक्टर ने क्या लिखा है तो यह उसके लिए एक कठिन टास्क हो जाता है।
ओडिशा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य के सभी डॉक्टरों, निजी अस्पतालों और मेडिकल सेंटरों को एक निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के अनुसार, डॉक्टरों को अब से सभी प्रिस्क्रिप्शन(Doctor Prescription) पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मेडिको-लीगल दस्तावेज स्पष्ट हस्तलेखन में लिखने का आदेश है।
Doctor Prescription : जस्टिस एसके पानिग्रही की निगाह
जस्टिस एसके पानिग्रही ने मुख्य सचिव को हाई कोर्ट के इस आदेश की प्रति सभी मेडिकल सेंटरों, निजी क्लीनिकों और मेडिकल कॉलेजों को भेजने का निर्देश दिया है। इस से उन्हें यह सुनिश्चित करने में सहायता होगी कि डॉक्टरों के द्वारा लिखे गए दस्तावेजों को जज और जनता दोनों के लिए पढ़ना और समझना आसान हो।
Doctor Prescription : मेडिको लीगल दस्तावेजों को समझने में हो रही थी कठिनाई
हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के बीच हो रहे “ज़िग-ज़ैग” हस्तलेखन की आलोचना की है, जिससे दस्तावेजों को पढ़ना आम आदमी और न्यायिक प्रणाली के लिए कठिन हो रहा है। अधिकांश डॉक्टरों की इस लापरवाही ने मेडिको-लीगल दस्तावेजों की समझ को बुरी तरह प्रभावित किया है, और इस आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि डॉक्टरों के द्वारा लिखे गए दस्तावेजों में स्पष्टता हो।
2020 में भी पारित किया गया था इस तरह का आदेश
ओडिशा हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के हस्तलेखन को लेकर साल 2020 में भी एक समान आदेश पारित किया था। जज ने कहा था कि Doctor Prescription में किसी भी तरह की अनिश्चितता या व्याख्या की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। दरअसल, यह आदेश तब आया था जब जज के पास एक मामला आया था, जहां एक कैदी ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत के लिए दिये गए प्रिस्क्रिप्शन (Doctor Prescription) को पढ़ने में जज को कठिनाई का सामना करना पड़ा था।
हाईकोर्ट के आदेश से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार की उम्मीद
ओडिशा हाईकोर्ट के इस नए आदेश से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है और यह सुनिश्चित करेगा कि दस्तावेजों को पढ़ना और समझना आसान हो, जिससे गलतफहमी और त्रुटियों की संभावना कम हो जाएगी। इस आदेश से निर्देशित होने वाले सुधार से समाज में विश्वास बढ़ेगा और डॉक्टरों की जिम्मेदारी में सुधार होगा।
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